पब में नहीं बजा सकेंगे अब डीजे

नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में दिल्ली के रेस्तरां तेजी से बदले हैं. दिन भर नौकरी की थकावट के बाद युवा शाम में दोस्तों के साथ रेस्तरां या बार में बैठ कर बियर और कॉकटेल पीना पसंद करते हैं. यहां अक्सर फिल्मी संगीत चल रहा होता है. बॉलीवुड भी जानता है कि पब और बार में फिल्मी गाने खूब पसंद किए जाते हैं, इसलिए इन दिनों इस बात को ध्यान में रखते हुए फिल्मों में खास तौर से आइटम सॉन्ग डाले जाते हैं. लेकिन अगर दिल्ली सरकार ने इस नियम को सख्ती से लागू किया, तो हो सकता है कि आने वाले समय में ऐसा ना हुआ करे और डीजे की नौकरी खतरे में पड़ जाए. सरकार का कहना है कि वह नागरिकों के हितों का ध्यान रखते हुए इस नियम की ओर बार मालिकों का ध्यान खींच रही है. पिछले हफ्ते केंद्रीय दिल्ली के कई पबों को नोटिस गया है. सरकार के अनुसार आस पास के रिहाइशी इलाकों में रहने वाले लोगों से आई शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. इस नियम से कम से कम एक हजार पबों पर असर पड़ सकता है.
नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के एक सदस्य ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, “दुनिया हम पर हंसेगी. सरकार कानून की ऐसी बारीकियों को कुरेद रही है, जिससे पर्यटन पर भी असर पड़ेगा और लोगों की जिंदगियों पर भी.” सिर्फ बार मालिक ही नहीं, ग्राहक भी इस नियम से हैरान हैं. दिल्ली के आर कुमार ने इस बारे में कहा, “तनाव को दूर करने में संगीत एक बड़ी भूमिका निभाता है, आप हमसे हमारा वो हक छीन रहे हैं.” खतरनाक शहर
जून से जुलाई 2017 के बीच दुनिया के 19 महानगरों में यह सर्वे कराया गया था. दिल्ली में हुये निर्भया गैंगरेप की पांचवी बरसी से ठीक दो महीने पहले एक बार फिर सामने आया है कि दिल्ली महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक शहर है.
वहीं बार मालिकों को भेजे गए नोटिस को जारी करने वाले उच्च अधिकारी प्रवीण मिश्रा ने कहा कि सरकार कुछ भी नया नहीं कर रही है, वह केवल एक पुराने नियम को लागू कराना चाह रही है, “पब को केवल पेशेवर लोगों द्वारा लाइव गाना गाने या फिर कोई इंस्ट्रूमेंट बजाने की अनुमति है. नियम का उल्लंघन करने वालों पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.” हालांकि इस नियम के बावजूद यह साफ नहीं है कि शोर पर काबू कैसे किया जाएगा. लाइव म्यूजिक वाले नियम में यह नहीं बताया गया है कि गायक माइक के साथ गाना गाएगा या उसके बिना और स्पीकर की आवाज कितनी होनी चाहिए. बहरहाल दिल्ली की पार्टियों में इस नियम से खलल मचता तो दिख ही रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.