एनआरआई शादी करके अब झांसा नहीं दे सकता

 

नई दिल्ली। भारतीय मूल के विदेशी (एनआरआई) पुरुषों की भारत में होने वाली शादियों को लेकर केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला किया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि भारत में शादी करने वाले किसी भी एनआरआई को अपनी शादी 48 घंटों के भीतर पंजीकृत करानी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर पासपोर्ट और वीजा जारी नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था लड़कियों के हितों की रक्षा के लिए की गई है। मेनका गांधी ने बताया कि ऐसे मामलों में अब तक छह लुकआट नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही, पांच मामलों में एनआरआई पुरुषों के पासपोर्ट भी वापस लिए गए हैं। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एनआरआई शादियों का एक केंद्रीय डाटाबेस बनाने की तैयारी कर रहा है। कानून, विदेश और गृह मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक नोडल एजेंसी का गठन भी किया गया है। यह एजेंसी एनआरआई शादियों में पैदा हुए विवादों का जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश करेगी।
बताया जाता है कि शादियों को पंजीकृत कराने के लिए देश में कोई तय समय सीमा नहीं है। हालांकि विधि आयोग ने 30 दिन के भीतर शादी को अनिवार्य रूप से पंजीकृत कराने की सिफारिश की थी। साथ ही इस अवधि के बीत जाने पर प्रतिदिन पांच रुपये का जुर्माना लगाने की बात भी कही गई थी। एनआरआई शादियों के पंजीकरण की व्यवस्था अब कर दी गई है। इसके अलावा शादी के बाद अपने जीवनसाथी को धोखा देने या उन्हें देश में ही छोड़ जाने वाले भारतीय मूल के विदेशियों के लिए कुछ और कड़े कानून भी बनाए जा रहे हैं।

 

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