आॅन लाइन सर्टिफिकेट प्रोग्राम आने वाले समय में आवश्यक : डॉ. मनप्रीत सिंह

नई दिल्ली। सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) एवं जेआईएस यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वाधान में नरुला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, कोलकात्ता में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आज देश तेजी से हायर एजुकेशन में नए नए मानदंड स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में संस्थान में सीईजीआर के द्वारा आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से फैकल्टी में व्यवहारिक ज्ञान में और सुदृढ़ता आई है। सेंटर फॉर एजुकेशन ग्रोथ एंड रिसर्च (सीईजीआर) ने जेआईएस ग्रुप के 104 फैकल्टी मेम्बर्स को एक सप्ताह के हायर एजुकेशन फैकल्टी करियर ओरिएंटेशन एंड एडभान्समेंट प्रोग्राम में दिग्गज शिक्षाविद् एवं कॉरपोरेट के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रोग्राम सीईजीआर का तीसरा हायर एजुकेशन फैकल्टी सर्टिफिकेशन प्रोग्राम था और इसमें शिक्षकों को पढ़ाने के नए तकनीक को सीखाया गये।
इस मौके पर प्रो. (डॉ) सैकत मित्रा वाइस चासलर अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी ने कहा कि आज फैकल्टी के कौशल विकास के लिए डिजिटल प्लेटफार्म की सख्त आवश्यकता है। चुने हुए विषयों के बावजूद सभी संकाय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी, ब्लॉक चेन और बड़े डेटा के साथ शुरू किए जाने चाहिए। छात्र को चाहिए कि केस स्टडीज का मूल्यांकन की निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए।
इस अवसर पर जेआईएस ग्रुप के एमडी सरदार तरांजित सिंह ने कहा कि इस तरह के प्रोग्राम का खास उद्देश्य यह है कि फैकल्टी में छात्रों को सीखाने के लिए उत्तम कौशल का विकास हो जिससे की बेहतर परिणाम सामने आ सके। उन्होंने कहा कि आज उद्योग और एकेडमी को आधुनिक रूप से सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है जिससे की छात्रों को लाभ मिलेगा। वहीं, मेनटर सीईजीआर और निदेशक एआईसीटीई डॉ. मनप्रीत सिंह मन्ना ने कहा कि स्वयं प्रोग्राम ने जिस तरह से विस्तार पूर्वक ओपन प्रोग्राम शुरू किया गया है इससे छात्रों को काफी लाभ मिल रहा है। आज ओन लाइन प्रशिक्षण भी इंटरेक्टिव होने चाहिए न सिर्फ एक साधारण प्रस्तुति। सीखने का उद्देश्य जब पूरा होता है जब सीखने वाले पूर्ण रूप से सक्रिय हो। मनप्रीत सिंह मन्ना ने कहा आज छात्रों को सायकोलोजी को समझने की जरूरत है, जिससे की बेहतर परिणाम सामने आ सके। उन्होंने कहा कि आॅन लाइन प्रोग्राम आज के प्रतिस्पर्धी बाजार में बेहतर विकल्प है।
सीईजीआर के विशेषज्ञ समिति के सदस्य जिसमें चांसलर, वाइस चासंलर, चेयरमैन और देश के शीर्ष विश्वविद्यालय के निदेशक हैं खास तौर पर अपने विचार देते हैं जिनके मार्गदर्शन से ही प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नरूला इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल प्रो.(डॉ) मैत्रीय राय कान्जीलाल ने कहा कि जिस प्रकार से सीईजीआर ने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को आकार दिया इससे मैं काफी संतुष्ट हूं। निश्चिततौर पर इससे जहां फैकल्टी के पर्सनालिटी का विकास हुआ है वहीं छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगा। इस खास प्रोग्राम में मुख्य वक्ता के रूप में एआईसीटीई के मेम्बर सेक्रेटरी व नेशनल काउंसिल मेम्बर सीईजीआर प्रो.(डॉ) एपी मित्तल ने कहा कि शिक्षकों को आने वाले तकनीक को समय समय पर अपग्रेड करने की जरूरत है। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम को कई शीर्ष चासंलर एवं वाइस चासंलर ने संबोधित किया। जिसमें कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं कुंवर शेखर विजेंर्द् चांसलर शोभित यूनिवर्सिटी, प्रो. केके अग्रवाल चासंलर केआर मंगलम यूनिवर्सिटी, प्रो. केपी आयशक वाइस चासंलर हिंदुस्तान यूनिवर्सिटी, प्रो. एएस किर्लोस्कर वाइस चासंलर निओटिया यूनिवर्सिटी, मैनेजिंग डायरेक्टर स्प्रींगर नेचर संजीव गोस्वामी, आईआईएम कोलकात्ता के प्रो. रंजन दास, नेक्टर फेक्टर और रेनोड ट्रेनर बेनी कान्हा, मिलियन लाइटस के डायरेक्टर व पूर्व डायरेक्टर माइक्रोसॉफ्ट लोकेश मेहरा, विवेकानंद इंस्टिट्यूट आॅफ प्रोफेशनल स्टीडज के प्रो (डॉ) अनुराधा जैन सहित कई अन्य विद्वजन ने फैकल्टी को संबोधित किया।

 

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