‘क्या गुनाह था मेरे बच्चे का’ सुनकर सबकी आंखों में आ जाते हैं आंसू

नई दिल्ली: गुरुग्राम के एक निजी विद्यालय में निर्मम हत्या का शिकार हुए सात साल के मासूम के हत्यारोपी भोलू के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट दाखिल होने के बाद मृत बच्चे के पिता बरुण चंद्र ठाकुर इंसाफ मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन बच्चे की मां सुषमा ठाकुर बस एक ही रट लगाए बैठी है कि ‘क्या गुनाह था उनके बेटे का?’ सुषमा के दर्द को बयां करता गीत- ‘क्या गुनाह था मेरे बच्चे का..’ को चार लाख से ज्यादा लोगों ने यूट्यूब पर सुना और देखा है. सुषमा ठाकुर की मानसिक स्थिति और बेटे को खोने के दर्द को इस गाने में संप्रेषित किया है जानेमाने लेखक एवं गीतकार डॉ. बीरबल झा ने और स्वर दिया है संजना प्रियदर्शिनी ने.

डॉ. झा कहते हैं, “गाने में महज सुषमा ठाकुर का विलाप नहीं है, बल्कि एक पुकार और गुहार है, जो वह दुनिया से करती है. वह दुनिया की हर मां को सचेत करती है कि बहशी, दरिंदों की पहुंच विद्या के मंदिरों तक में हो चुकी है, जो समाज के लिए खतरा है. बिहार की गायिका संजना प्रियदर्शिनी द्वारा गाए गए इस गीत की वीडियो सीडी को पिछले साल 14 नवंबर (बाल दिवस) को लॉन्च किया गया था.
गुरुग्राम के इस हत्याकांड में अदालत ने हत्यारोपी किशोर का असली नाम उजागर करने पर रोक लगाते हुए उसे एक कल्पित नाम भोलू दिया है. अदालत ने मृतक मासूम के असली नाम की जगह प्रिंस का प्रयोग करने का निर्देश दिया है और उस स्कूल के नाम की जगह अब सिर्फ विद्यालय लिखा जाएगा. प्रिंस के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा, “दो दशक से ज्यादा समय से वकालत के अपने पेशे में मुझे इससे पहले ऐसा कोई मामला देखने को नहीं मिला, जहां एक मासूम की इतनी बर्बरता से हत्या की गई हो.”
सात वर्षीय दूसरी कक्षा के छात्र प्रिंस (बदला हुआ नाम) की हत्या के मामले में उसके अपने ही विद्यालय का ग्यारहवीं का छात्र भोलू (बदला हुआ नाम) आरोपी है. विद्यालय के शौचालय में आठ सितंबर, 2017 को मासूम छात्र की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. मामले में पहले विद्यालय के बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाया गया था. बाद में 22 सितंबर को मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया. अदालत ने 16 वर्षीय हत्यारोपी किशोर के साथ मामले में वयस्क जैसा व्यवहार करने का फैसला लिया है.

साभार: एनडीटीवी इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.