पटना। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित बी. डी कॉलेज, पटना के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) विवेकानंद सिंह को उनके कार्यालय में दूसरा मत के संपादक एवं देश के जानेमाने साहित्यकार और 30 से अधिक मौलिक पुस्तकों के लेखक ए आर आज़ाद ने उन्हें शॉल भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्हें देश की सर्वाधिक चर्चित पुस्तक ‘सामना’ भेंट की। इसके साथ ही उन्हें कविता-संग्रह ‘तस्वीर’ एवं कहानी-संग्रह ‘निः शब्द’ भी भेंट की। इस मौक़े पर उनसे कई अहम मुद्दों के साथ साहित्य, समाज और पत्रकारिता पर भी बातचीत हुई।
मालूम हो कि प्रो. (डॉ.) विवेकानंद सिंह का जन्म पटना जिले के दानापुर कैंट के पास एक छोटे से गांव में हुआ। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। उन्हें पटना विश्वविद्यालय से ही पी.एच.डी. की डिग्री प्रदान की गई है। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ही बी.एड. और एल.एल.बी. की डिग्री भी प्राप्त की है। वे 1996 में BRABU के अंतर्गत B.M.D. कॉलेज में मनोविज्ञान में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने 2011 से 2023 तक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अंतर्गत बी.एस. कॉलेज दानापुर पटना में सेवाएं दीं। जनवरी, 2024 से वे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अंतर्गत बी.डी. कॉलेज पटना में प्रभारी प्रोफेसर हैं।
अध्यापन में भी उनकी बहुत अच्छी योग्यता और पकड़ है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में अपने कई शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं। कई पत्रिकाओं में उनके कई लेख प्रकाशित हुए हैं। वे कई पत्रिकाओं और मनोवैज्ञानिक समितियों जैसे JAAP MIER, ISC, GJP आदि के आजीवन सदस्य हैं। इतना ही नहीं प्रो. (डॉ) विवेकानंद सिंह ने पीएचडी की डिग्री के लिए उम्मीदवारों का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन भी किया है। उन्होंने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के एम.ए के पाठ्यक्रम के लिए एक पुस्तक लिखी है। एक अन्य पुस्तक प्रकाशनाधीन है।
दूसरा मत के संपादक एवं देश के जाने—माने साहित्यकार और 30 से अधिक मौलिक पुस्तकों के लेखक हैं ए आर आज़ाद।