नई दिल्ली। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), विद्युत मंत्रालय अपने वार्षिक कार्यक्रम ऊर्जा संरक्षण दिवस का आयोजन 14 दिसंबर 2017 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में करने जा रहा है। ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य है ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और साथ ही समग्र विकास के लक्ष्य की दिशा में काम करना, जिससे जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में देश के प्रयासों में योगदान हो। भारत के महामहीम राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधार कर आयोजन को संबोधित करेंगे। महामहीम राष्ट्रपति उन उद्योगों को पुरस्कृत भी करेंगे जिन्होंने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार कार्यक्रम के अंतर्गत अपने ऊर्जा इस्तेमाल में मापनीय कमी दर्शाई है।
ऊर्जा संरक्षण दिवस 2017 की तैयारियों के बारे में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस परम्परागत रूप से हमारे लिए एक ऐसा अवसर है जब हम देश में ऊर्जा गहनता घटाने की दिशा में अपनी प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। महज़ पुरस्कार से परे जा कर यह दिवस एक बहुमूल्य अवसर भी प्रदान करता है कि हम कम ऊर्जा-गहन अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की संभावनाओं और प्रतिबद्धता पर गौर एवं उन्हें प्रदर्शित कर सकें।
बता दें कि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार कार्यक्रम 56 उपक्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता की उपलब्धियों को मान्यता देता है जिनमें प्रतिष्ठान व संस्थान शामिल हैं जैसे उद्योग, थर्मल पावर स्टेशन, दफ्तरी इमारतें, बीपीओ इमारतें, होटल, अस्पताल, शाॅपिंग माॅल, ज़ोनल रेलवेज़, रेलवे कार्यशालाएं व स्टेशन, नगर पालिकाएं, राज्य नामित एजेंसियां तथा बीईई स्टार लेबल वाले उपकरण/ उपस्कर और विद्युत वितरण कंपनियां। पुरस्कार योजना के पिछले 19 वर्षों (1999-2017) में पुरस्कार विजेताओं ने सम्मिलित रूप से ऊर्जा दक्ष तकनीकों एवं प्रक्रियाओं में 48,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है तथा बिजली के बिलों में कटौती कर के एवं कैपेसिटी जैनरेशन से बचते हुए लगभग 38,000 करोड़ रुपए की बचत की है। ऊर्जा के लिहाज़ से देखें तो उन्होंने 44 अरब ाॅी विद्युत ऊर्जा, 5.1 अरब लीटर तेल, 22.6 मीलियन मीट्रिक टन कोयले व 250 अरब क्यूबिक मीटर गैस की बचत की है।