पुरी (ओडिशा)। भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान पुरी में रविवार तड़के मची भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 4 से 4:30 बजे के बीच श्री गुंडिचा मंदिर के पास हुआ, जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए उमड़े थे।
घटना के कुछ घंटों बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गहरा शोक प्रकट करते हुए जनता से माफी मांगी और कहा कि उनकी सरकार इस दर्दनाक घटना के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
मुख्यमंत्री माझी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं में भारी उत्साह था। इस हादसे से मुझे और मेरी सरकार को अत्यंत पीड़ा हुई है। मैं व्यक्तिगत रूप से सभी श्रद्धालुओं से क्षमा मांगता हूं। जिन श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई, उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं इस कठिन घड़ी में सर्वशक्तिमान से प्रार्थना करता हूं कि वे सभी को शक्ति दें। सुरक्षा में हुई चूक की गहन जांच की जाएगी और जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।”
सुरक्षा चूक पर जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस घटना की तुरंत जांच शुरू की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
लाखों की भीड़, भारी दबाव
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के विशाल रथों को शहर की सड़कों पर खींचा जाता है। इस बार यात्रा में करीब 10 से 12 लाख श्रद्धालु एकत्र हुए थे। शनिवार को ही ओडिशा के एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने इतने बड़े जनसमूह की संभावना जताई थी।
श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशाल सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, लेकिन सुबह के समय श्रद्धालुओं की भारी धक्का-मुक्की के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
घायलों का इलाज जारी
घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया है।
हालांकि घटना के बाद विपक्षी दलों ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि दोषियों को जल्द सजा दी जाए। साथ ही पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा और घायलों के इलाज की उचित व्यवस्था की जाए।
पुरी की रथ यात्रा जहां आस्था और श्रद्धा का सबसे बड़ा उत्सव मानी जाती है, वहीं इस तरह की त्रासदी ने पूरे देश को गहरी पीड़ा में डाल दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस घटना से क्या सबक लेती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।