ज्ञान बांटने का मंच क्वेरा हिन्दी में भी शुरू

नई दिल्ली। सवाल-जवाब के मंच क्वेरा  ने यहां क्वेरा  हिन्दी की शुरूआत की घोषणा की। क्वेरा  अब हिन्दी में उपलब्ध है जहां कोई भी सवाल पूछ सकेगा, ज्ञान बांट सकेगा और एक-दूसरे से सीखते हुए दुनिया को बेहतर तरीके से समझ सकेगा। क्वेरा  का मिशन है दुनिया में फैले ज्ञान को बांटना और बढ़ाना। दुनिया में फैले अधिकांश ज्ञान तक आम लोग आॅनलाइन नहीं पहुंच सकते, इसलिए क्वेरा  एक ऐसा मंच बना रहा है जहां लोग करोड़ों विषयों में से जिनके बारे में वे जानते हैं उसे बांट सकें। वर्ष 2010 में अंग्रेजी से शुरूआत करने के बाद यह मंच लगातार बढ़ता रहा है और अब हर महीने 20 करोड़ से ज्यादा लोग इसे देखते हैं। जब से क्वेरा  की शुरूआत हुई है तब से इस मंच ने प्रमुख हस्तियों और विशेषज्ञों को आकर्षित किया है, जिन्होंने क्वेरा  पर लोगों द्वारा पूछे जानेवाले हर तरह के सवालों का जवाब दिया है और वह ज्ञान बांटा है जो पहले उपलब्ध नहीं था। लोगों के सवालों का जवाब देने वाले नामी लोगों में कुछ उदाहरण हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल, फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल, विकिपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स और सामाजिक क्षेत्र की विशेषज्ञ स्मरीनीता शेट्टी।
क्वेरा के भारत प्रबंधक गौतम शेवक्रमानी कहते हैं कि क्वेरा  भारत में कई वर्षों से लोकप्रिय रहा है, अब जबकि हम हिन्दी में क्वेरा को ला रहे हैं, तो हमें उम्मीद है अब भारत से और ज्यादा भागीदारी होगी। क्वेरा हिन्दी के बीटा चरण में लोगों की भागीदारी से मैं उत्साहित हूं। हमारे मिशन का वैश्विक आकर्षण, भारत की विविधता और यहां इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की बड़ी संख्या का मिलन, क्वेरा  हिन्दी की शुरूआत को ज्ञान तक पहुंचने के दायरे को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में हमने विविध विषयों पर विचारपूर्ण जवाब देखे हैं। जैसे किआज की पीढ़ी के लिए राम और सीता की प्रासंगिकता, दिल्ली में देखने की सबसे अच्छी जगहें, उनके लिए सुझावों अंग्रेजी नहीं बोल पाते और भारत से बाहर की यात्रा पर जा रहे हैं, घरों में लैंगिक बराबरी, रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षा करते समय आप अपने समय का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कैसे करें।

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