तो राजबाला वर्मा पर कसेगा शिकंजा ?

रांची। जिस प्रकार से खबरें आ रही हैं, उसके आधार पर कह सकते हैं कि नौकरी के अंतिम दिनों में झारखंड की मुख्य सचिव के दिन अच्छे नहीं हैं. एक दैनिक समाचार पत्र ने जिस प्रकार से चारा घोटाले में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के नाम को प्रमुखता से छापा, उसके बाद राज्य की सियासत अचानक से गरम हो चली. अब तो कार्मिक विभाग भी हरकत में दिख रहा है.सूत्रों के हवाले से खबर है कि कार्मिक विभाग ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है. सीएस को गुरुवार देर शाम तक नोटिस दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राजबाला वर्मा को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था. सीएमओ की ओर से कार्मिक सचिव को बफशीट भेजा गया था. बफशीट के साथ मंत्री सरयू राय की लिखी चिट्ठी की प्रति भी लगायी गयी है. अब कार्मिक विभाग मुख्य सचिव को पत्र भेजकर सात दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका देगी.
कार्मिक विभाग से नोटिस मिलने के बाद भी अगर राजबाला वर्मा ने तय समय में जवाब नहीं दिया या फिर सरकार जवाब से संतुष्ट नहीं होती है तो उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू हो सकती है. गौरतलब है राजबाला वर्मा राज्य की सबसे वरिष्ठ अफसर हैं. ऐसे में विभागीय कार्रवाई चलाने का फैसला होने पर राज्य सरकार केंद्र से संचालन पदाधिकारी बनाने का अनुरोध कर सकती है.
गौरतलब है कि सीबीआई ने चारा घोटाले के चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में राजबाला वर्मा को मिस कंडक्ट और लापरवाही के लिए जिम्मेदार माना है. वे उस समय वहां की डीसी थीं. 2003 से अबतक उन्हें कई बार रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन उन्होंने एक का भी जवाब नहीं दिया. मामला सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से राजबाला वर्मा को हटाने की मांग की थी और मंत्री सरयू राय ने भी सरकार को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि सरकार इश मामले में कानून सम्मत कार्रवाई करने का आदेश दे, वरना सरकार की छवि पर असर पड़ेगा.

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