लाॅजिस्टिक हब को उ़़द्योग का दर्जा देने का स्वागत : राजेन्द्र शुक्ला

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने निर्यात की विकास में महती भूमिका मानते हुए कहा कि निर्यात को बढ़ाकर ही हम आर्थिक महाशक्ति के रूप में बनकर उभर सकते हैं। उक्त आशय के विचार विज्ञान भवन में आयोजित काउसिल फाॅर ट्रेड एण्ड डेवलेपमेंट की तीसरी बैठक में श्री शुक्ला ने रखे। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने की जिसमें में अन्य राज्यों के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सहित केन्द्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए श्री शुक्ला ने दोहराया कि निर्यात एक अर्थव्यवस्था का अहम पहलू है। जिसको बढ़ाकर हम आर्थिक महाशक्ति का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में निर्यात में 17 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हुई है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य सरकार ने उन कम्पनियों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ देने की योजना बनाई है जिनका निर्यात 25 प्रतिशत से अधिक रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में बताया था कि देश के कुल निर्यात का 40 प्रतिशत मध्यप्रदेश योगदान करता हैं इसके अलावा श्री शुक्ला ने बताया कि आॅर्गेनिक फार्मिंग के निर्यात में 20 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हुई है।
श्री शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थित को ध्यान में रखते हुए लाॅजिस्टिक हब का प्रदेश में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने लाॅजिस्टिक सेक्टर को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि इसमें अपार क्षमतायें हैं। लाॅजिस्टिक क्षेत्र को उद्योग का दर्जा प्रदान करने का स्वागत करते हुए केन्द्र से इस सम्बन्ध में आर्थिक सहयोग की मांग की। इससे इस क्षेत्र में लगे विभिन्न उद्योगों के लोगों को समान अवसर प्राप्त होंगे।
श्री शुक्ला ने पूर्वी और दक्षिणी मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय कन्टेनर डिपो के लिए सहायता का उल्लेख करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में पोर्ट के अभाव में निर्यात की सुविधा के लिए सात अंतर्देशीय कन्टेनर डिपार्टमेंट (आईसीडी) बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि ये आईसीडी पश्चिम और उत्तर प्रदेश के केन्द्र में केन्द्रित हैं। रीवा, जबलपुर, और अन्य दक्षिणी क्षेत्र उ़़़़़़़़द्योग की इस सेवा से वंचित हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के पूर्वी और दक्षिण क्षेत्रों में आईसीडी खोलने की जरूरत बतायी।

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