हत्या के मामले में रामपाल को उम्र कैद की सजा

हिसार (हरियाणा)। हिसार की एक अदालत ने हत्या के दो मामलों में स्वयंभू बाबा रामपाल को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। रामपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ दोनों मामले बरवाला पुलिस थाने में 19 नवंबर 2014 को दर्ज कराए गए थे। रामपाल आखिरी सांस तक जेल में रहेगा। बाबा के बेटे विजेंद्र समेत 15 अन्य को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा सभी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

पहला मामला दिल्ली में बदरपुर के पास मीठापुर के रहने वाले शिवपाल की शिकायत पर दर्ज किया गया था जबकि दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के जखोरा गांव निवासी सुरेश की शिकायत पर दर्ज किया गया था। दोनों ने आरोप लगाया था कि बरवाला गांव स्थित रामपाल के आश्रम में उनकी पत्नियों को स्वयंभू बाबा और उनके समर्थकों ने बंदी बना रखा था और वहीं उनकी हत्या कर दी गई थी। बरवाला पुलिस ने दोनों प्राथमिकियों में हत्या के अलावा गलत तरीके से बंधक बनाने के भी आरोप लगाए थे।

रामपाल को यह सजा केस नंबर 429 में सुनाई गई है। बरवाला के आश्रम में 16 नवंबर 2014 को हुई हिंसा में चार महिलाओं सहित डेढ़ साल की बच्चे की मौत हुई थी। मामले में रामपाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया गया और 11 अक्तूबर को बाबा को इस केस में आईपीसी की धारा 302, 343 व 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया।

बता दें कि 16 अक्तूबर दिन मंगलवार को रामपाल का सजा सुनाए जाने के मद्देनजर हिसार को छावनी में बदल दिया गया था। जिले में 10 अक्तूबर से ही धारा-144 लागू रही। सात जिलों की पुलिस फोर्स सहित 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। केस नंबर 429 और 430 के हत्याओं के मामलों में कुल 136 बार सुनवाई हुई। तीन साल 10 महीने और 22 दिन तक चली सुनवाई के बाद फैसला दिया गया। केस नंबर 429 के तहत मामला दर्ज होने से लेकर फैसले तक अदालत में कुल 64 बार सुनवाई हुई। केस नंबर 430 में फैसले तक कुल 72 सुनवाई अदालत में हुई।

केस के तहत 15 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 343 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। इसमें छह मुख्य आरोपियों आश्रम संचालक सोनीपत के गांव धनाना का रामपाल, उसका बेटा विरेंद्र उर्फ विजेंद्र, हिसार के गांव उगालन निवासी जोगेंद्र उर्फ बिल्लू, भिवानी के इमलौटा गांव निवासी राजकपूर उर्फ प्रीतम, सोनीपत के गांव बढ़गांव निवासी राजेंद्र व बरवाला की बबीता के अलावा गुरुग्राम निवासी देवेंद्र, सिरसा निवासी जगदीश, पानीपत निवासी खुशहाल सिंह, जींद निवासी सतबीर व सोनू दास, सिरसा निवासी सुखबीर, भिवानी की पूनम, जींद निवासी सावित्री, गुरुग्राम के सूरत नगर का अनिल को सजा सुनाई गई है।

मुकदमा नंबर 430 में 14 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302, 343 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। मामले में आश्रम संचालक सोनीपत के गांव धनाना का रामपाल, उसका बेटा विरेंद्र उर्फ विजेंद्र, हिसार के गांव उगालन निवासी जोगेंद्र उर्फ बिल्लू, भिवानी के इमलौटा गांव निवासी राजकपूर उर्फ प्रीतम, सोनीपत के गांव बढ़गांव निवासी राजेंद्र, बरवाला की बबीता के अलावा झज्जर निवासी कृष्ण कुमार, हिमाचल के किन्नौर निवासी बलवान व पवन, सोलन निवासी राजीव शर्मा, राजस्थान के सुमेरपुर पाली निवासी राजेश और रमेश, राजस्थान के उदयपुर वासी नटवरलाल उर्फ लक्ष्मण, कुरुक्षेत्र निवासी रामचंद्र को अदालत ने दोषी करार दिया गया है।

 

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