मोदीनगर। राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें ज्योतिर्विज्ञान को अपने शैक्षणिक वोकेशनल पाठ्यक्रम में सम्मिलित करें, जिससे ज्योतिर्विज्ञान पर पाखण्ड का लांछन लगने से बचाया जा सके।
श्री शास्त्री आज यहां परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारों की उदासीनता के चलते ज्योतिष को विज्ञान के स्थान पर पाखंड माना जा रहा है, जबकि ज्योतिष पूर्ण विज्ञान है। सूर्य और चंद्रमा की गति केवल ज्योतिष से ही जानी जा सकती है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष में घटती शोध प्रवृत्ति न केवल समाज के लिए घातक है, बल्कि देश के लिए भी हानिकर है।
हरिद्वार से पधारे पं. रमेश सेमवाल ने कहा कि ज्योतिष के द्वारा ही समग्र का विकास हो सकता है, इसलिए सबका साथ और ज्योतिष के विकास के लिए कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्योतिष ही समाज का नेत्र है, क्योंकि यह वेदों का नेत्र कहा गया है। वेद के अर्थ ज्ञान से होते हैं। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में देश के जाने माने ज्योतिषाचार्य पं. अजय भांबी ने कहा कि व्यवसायीकरण के कारण ज्योतिष के ज्ञानतत्व की हानि हुई है। इसलिए इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। केवल ज्योतिष में ही यह योग्यता है कि बिना किसी लैब में जांच कराए केवल कुंडली से ही रोग से लेकर सभी प्रकार की गणना की जा सकती है। पं. सुभेष शर्मन ने कहा कि समाज में आज भारतीय संस्कृति के संरक्षण की महती आवश्यकता है। ज्योतिष को व्यापार बना देने से इसका वास्तविक मूल रूप नष्ट हो रहा है। डॉ. राजेश ओझा ने कहा कि ज्योतिष ज्ञान का मार्ग है, लेकिन इसके दुरुपयोग से ज्योतिषी का पतन हो जाता है।
इस अवसर पर अनेक विशेष महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। जिसमें सरकारों से ज्योतिष को हाई स्कूल, इंटरमीडिएट के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। विदेशी गुलामी के प्रतीक शक संवत् को राष्ट्रीय संवत से हटाकर विक्रमी संवत् को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान करें। अन्य विद्याओं के विकास की भांति ज्योतिष के लिए भी विश्वविद्यालय स्थापित करने चाहिएं। ज्योतिष में शोध की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें देश के जाने माने ज्योतिषाचार्यों को सम्मिलित किया गया। पं. चंद्रशेखर शास्त्री (श्री पीतांबरा विद्यापीठ सीकरीतीर्थ मोदीनगर) राष्ट्रीय अध्यक्ष, अशोक कुमार शर्मा आईएएस से.नि. राष्ट्रीय अध्यक्ष के सचिवालय के प्रमुख होंगे। पं. अजय भांबी(दिल्ली), पं. रमेश द्विवेदी(जोधपुर),पं. कैप्टिन डॉ. लेखराज शर्मा( हिमाचल प्रदेश), पं. अरूण उपाध्याय आईपीएस से.नि. (पुरी, ओडिशा), पं. निरंजन भट्ट(उदयपुर) उपाध्यक्षगण, पं. रमेश सेमवाल(हरिद्वार) अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री, पं. शुभेष शरमन(दिल्ली) राष्ट्रीय महामंत्री, आचार्य डॉ. राजेश ओझा(दिल्ली) राष्ट्रीय संगठन सचिव, डॉ. ललित मोहन जोशी(ऋषिकेश) राष्ट्रीय सचिव शोध विभाग, डॉ. ललित पंत(दिल्ली), पं. खींवराज शर्मा(जोधपुर), पं. शंकर सिंह राजपुरोहित(जोधपुर), संयुक्त सचिव शोध विभाग आदि की घोषणा की गई। जितेंद्र कंसल (मोदीनगर) वित्तीय मामलों के परामर्शदाता मनोनीत किए गए हैं। पं. कंवलनैन वशिष्ठ और रामपाल सिंह को उत्तर प्रदेश में ज्योतिष के प्रचार प्रसार का जिम्मा दिया गया। शेष कार्यकारिणी की घोषणा शपथ ग्रहण समारोह में की जाएगी।