नई दिल्ली। केन्द्रीय इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज वाणिज्य विभाग, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छठे अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य सम्मेलन-2018 का उद्घाटन किया। ‘डिजिटल पहुंच तथा विपणन कार्य प्रणाली का भविष्य’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल ‘डिजिटल भारत का निर्माण’ के परिदृश्य में डिजिटल विपणन के प्रभाव को समझने के लिए असंख्य कसौटियों को उजागर करना था। दिल्ली विश्वविद्यालय के उप-कुलपति डॉ. योगेश के. त्यागी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक श्री पामी दुआ, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के वाणिज्य विभाग की प्रधान तथा डीन प्रोफेसर कविता शर्मा तथा एम्रॉय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगदीश सेठ भी अन्यों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।
श्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘भारतीय डिजिटल पारिस्थिति तंत्र बहुत ही शक्तिशाली है, जो सुदृढ़ साइबर सुरक्षा, साइबर प्रशिक्षण तथा साइबर समन्वय पर भी जोर देता है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय साइबर सुरक्षा हेतु एक अलग विभाग शुरू करने जा रहा है। सरकार सभी संभव सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि भारत शीघ्र ही न्यून लागत साइबर सुरक्षा उत्पादों का शक्तिशाली केन्द्र बनने जा रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘आज उपभोक्ता अपनी विषय सूची के स्वयं सृजेता बन जाएंगे तथा विपणन के सभी परम्परागत मानक बदल जाएंगे। यह उभरते भारत की एक नई अभिव्यक्ति है, जिसमें आपको एक ऐसे मंच की आवश्यकता है, जो पहुंच में हो, जिसकी प्रयोज्यता हो तथा जिसको अपनाया जा सके और डिजिटल भारत ये अवसर सृजित कर रहा है।’
श्री रविशंकर प्रसाद ने इस तथ्य पर भी जोर देकर कहा कि ‘भारत विश्व की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने के लिए मजबूती से खड़ा है। डिजिटल भारत अधिकांशत: गरीबों और पिछड़ों का है, जो सामान्य भारतीयों के सशक्तिकरण तथा डिजिटल तौर पर सम्पन्नों और असम्पन्नों के बीच की खाई को पांटने के लिए प्रतिबद्ध है। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य डिजिटल समावेशन है, जो कि भारत का मूल दर्शन है, जिसकी आज पूरी दुनिया सराहना कर रही है।’
इस सम्मेलन में, डिजिटल उपभोक्ता तथा विपणन कार्यविधि की समझ, सामाजिक मामलों पर सोशल मीडिया तथा विश्लेषणात्मक; वर्तमान तथा भविष्य पर, तीन पूर्ण सत्र चलाये जाएंगे, जिसमें 5-6 वक्ताओं का पैनल आयोजित किया जाएगा और सम्मेलन पथों से संबंधित लगभग 150 रिसर्च पेपर्स इस सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किये जाएंगे।