रांची : रोहिंग्या मामले में युवाओं को भड़काने और मिजोरम एवं मणिपुर में खूंखार आतंकवादी संगठन अल कायदा का बेस कैंप बनाने की तैयारी में जुटे संदिग्ध आतंकवादी का झारखंड कनेक्शन सामने आया है. 8-9 महीने पहले इस आतंकवादी ने जांच एजेंसियों से बचने के लिए हजारीबाग में शरण ली थी. आतंकवादी झारखंड की राजधानी रांची से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर पहचान छिपाकर रहने में कामयाब रहा. यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किया है.
अल कायदा से जुड़े संदिग्ध आतंकी ‘समीउल रहमान’ उर्फ ‘हमदान’ उर्फ ‘शुमोन हक’ उर्फ ‘राजू भाई’ ने गिरफ्तारी के बाद खुद स्वीकार किया कि वह पहचान छिपाकर हजारीबाग के एक होटल में कुछ दिनों तक ठहरा था. दिल्ली में हमदान को गिरफ्तार करने के बाद NIA की टीम जांच के सिलसिले में उसे लेकर रांची आयी थी. यहीं उसने माना कि हजारीबाग के होटल मयूर को भी उसने अपना ठिकाना बनाया था.
इसके बाद NIA की टीम उसे हजारीबाग ले गयी. जांच के दौरान एनआईए ने होटल से रजिस्टर समेत अन्य चीजें जब्त कर ली है. होटल में ठहरने के लिए हमदान ने किशनगंज से जारी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था. सोमवार को एनआईए की टीम समीउल को लेकर कई अन्य जगहों पर भी गयी, जिसके बाद उसे दिल्ली ले जाया गया.
आतंकी गतिविधियों में लिप्त हमदान कई बार जेल जा चुका है. उसने दक्षिण अफ्रीका और सीरिया की भी यात्रा की है. बांग्लादेशी मूल का ब्रिटिश नागरिक समीउल रहमान परिवार के साथ लंदन के 96 रेडमान हाउस, पोर्ट पूल लेन, लंदन – ईसीआईएन 7यूडी में रहता है. उसने पढ़ाई-लिखाई लंदन में ही की.
बताया जाता है कि वर्ष 2013 में वह लंदन में एक्सीडेंट के एक केस में जेल गया था. इसी दौरान संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में आ गया और दुनिया भर में आतंक फैलाने के मिशन पर लग गया. सूत्रों के मुताबिक, सितंबर, 2013 में हमदान ने सीरिया के एटमा में तीन महीने तक हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली. वह अल कायदा मगरिब से जुड़ा. बाद में अलेप्पो में सीरिया की सेना के खिलाफ जंग में भी शामिल हुआ.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 17 सितंबर को हमदान को राष्ट्रीय राजधानी के विकास मार्ग, शकरपुर आईटीओ के पास से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में हमदान ने पुलिस को बताया कि वह भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को आतंक की ट्रेनिंग देने आया था. इस काम के लिए वह मिजोरम और मणिपुर में बेस भी बनाना चाहता था.
गिरफ्तारी के बाद हमदान ने पुलिस को बताया कि वह बिहार के किशनगंज का रहने वाला है. हालांकि, बाद में कड़ाई से पूछताछ करने और अन्य जांच के बाद पुलिस को पता चला कि वह बांग्लादेशी मूल का ब्रिटिश नागरिक है. गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल, कारतूस, लैपटॉप व विदेशी करेंसी भी बरामद की थी.
साभार: प्रभात खबर