हेमंत-आरपीएन की जुगलबंदी से जीत हुई पक्की

रांची। यूपीए के अंदर विधायकों की घेराबंदी काम आयी. कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने मजबूत दीवार बनाया. दोनों ही नेताओं ने पार्टी के अंदर साफ संदेश दिया़ दोनों ही दलों के विधायक इधर-उधर नहीं कर सके़ झामुमो ने पूरी तरह से कांग्रेस का साथ निभाया. कांग्रेस के सभी विधायक टस से मस नहीं कर पाये. प्रदेश प्रभारी के साथ प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अपने विधायकों पर नकेल कसा़ प्रभारी श्री सिंह और प्रतिपक्ष के नेता तेवर में रहे़ दोनों ही दलों ने मिल कर जवाब दिया. हालांकि झाविमो अपने को टूटने से नहीं बचा पाया. बाबूलाल मरांडी को इस राज्यसभा ने भी एक झटका और दिया. उनके विधायक प्रकाश राम ने क्रॉस वोटिंग कर दी़ कांग्रेस और झामुमो ने प्रत्याशी घोषित करने के बाद सामूहिक रूप से ही अभियान चलाया़ एक दूसरे को विश्वास में लेकर चले़ झामुमो नेता हेमंत सोरेन भी पूरे अभियान में साथ रहे़ .
झारखंड में राज्यसभा की दोनों सीटों के नतीजे आ चुके हैं. राज्यसभा की एक सीट भाजपा के खाते में गयी है वहीँ दूसरी सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव ने एक सीट जीती हैं और दूसरी सीट कंग्रेस प्रत्याशी धीरज साहू ने जीती है. जैसा की माना जा रहा था की भाजपा पहली सीट निश्चित रूप से जीतेगी और यह सीट समीर उरांव ने जीती है. राज्यसभा चुनाव में कांटे की टक्कर दूसरी सीट पर थी जिसमे भाजपा ने कांग्रेस और झामुमो समर्थित प्रयाशी धीरज साहू के विरुद्ध प्रदीप संथालिया को खड़ा किया था. कांटे की टक्कर में कांग्रेस प्रत्यशी धीरज साहू ने एक वोट से राज्य सभा की सीट जीत लिया है और प्रदीप संथालिया हार गये है.
भाजपा की ओर से की गयी आपत्ति के बाद निर्वाची पदाधिकारी की ओर से परिणाम की आधिकारिक घोषणा रोक दी गयी. दोनों पक्षों की ओर से जीत का दावा किया जा रहा था. भाजपा की ओर से मत पत्र को रद्द करने को लेकर नारेबाजी की जा रही थी. वहीं कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा था कि भाजपा जानबूझ कर मतगणना को लटकाना चाहती है. इस दौरान भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जम कर नारेबाजी की. इनके बीच टकराव की भी स्थित उत्पन्न हो गयी. इधर, पोलिंग बूथ के आसपास काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. कांग्रेस की ओर से डॉ अजय कुमार, सुखदेव भगत, आलमगीर आलम, आलोक दुबे समेत कई कार्यकर्ता व भाजपा की ओर से विधायक अनंत ओझा, प्रदीप वर्मा, गणेश मिश्रा, सुबोध सिंह गुड्डू, अमित कुमार समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.
बसपा विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता एक बजे तक वोट देने नहीं पहुंचे थे़ तब उनकी खोज होने लगी. तब प्रभारी आरपीएन सिंह ने लखनऊ में बसपा के केंद्रीय नेताओं से संपर्क साधा. इसके बाद बसपा विधायक कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ विधानसभा पहुंचे. उन्हें सीधे प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के कक्ष मेें लाया गया. यहां विधायक श्री मेहता की बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा से बात करायी गयी. बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने पार्टी अध्यक्ष मायावती का संदेश बताया. विधायक से कहा गया कि पार्टी ने यूपीए प्रत्याशी धीरज साहू को वोट देने का तय किया है. मायावती के निर्देश के बाद वह वोट देने के लिए तैयार हुए.
कांग्रेस विधायक निर्मला देवी साढ़े बजे तक विधानसभा नहीं पहुंची थी. प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रत्याशी धीरज साहू परेशान थे. निर्मला देवी के आने में देरी पर प्रभारी श्री सिंह नाराज थे. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से कहा : पत्र तैयार रखो, चार बजे के बाद पार्टी से हटाओ़ केंद्रीय नेतृत्व से भी इस बाबत बात कर ली गयी थी. इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के साथ विधायक निर्मला देवी, उनके पति व पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और बेटी विधानसभा पहुंचे़ फिर प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के कक्ष में थोड़ी देर बैठने के बाद निर्मला वोट देने के लिए निकली.

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