दिल्ली। जालंधर की रुपिंदर अरोड़ा को फैशन और ग्लैमर की दुनिया में ब्रांड समर्थन के लिए और प्रतियोगिता के सबसे खूबसूरतचेहरे के लिए मिस फोटोजेनिक 2017-2018 की सबसे प्रतिष्ठित उप शीर्षक के लिए चुना गया। मिस इंडिया प्राइड ऑफ़ नेशन 2017-18 की पहली रनर अप रुपिंदर अरोड़ा का कहना है कि “महिला जीवन में भिन्न भूमिका निभातीहै मुझे लगता है कि हमें अपनी भूमिकाओं को हमारी एकमात्र पहचान बनाने की बजाए अपनी पहिचान बनानी चाहीए, आप क्याचाहते हैं, परिस्थितियों में दोष न दें यदि आपके पास कुछ करने का जनुन है, तो अपने आप को पुनर्परिभाषित करने की दिशा मेंअपनी यात्रा शुरू करें।
महिलाओं का जागृत होना जरुरी है। एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गाँव आगे बढ़ता है और राष्ट्रविकास की ओर उन्मुख होता है। भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों कोमारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रतिघरेलू हिंसा, बलात्कार, वैश्यावृति, मानव तस्करी और ऐसे ही दूसरे विषय। लैंगिक भेदभाव राष्ट्र में सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिकऔर शैक्षिक अंतर ले आता है जो देश को पीछे की ओर ढ़केलता है। भारत के संविधान में उल्लिखित समानता के अधिकार कोसुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना सबसे प्रभावशाली उपाय है. देश भर से चुनी गयी 60 खूबसूरत महिलाओं के बीच हुए इस प्रतियोगिता में रुपिंदर ने मिस इंडिया प्राइड ऑफ़ नेशन 2017-18 केप्रतिष्ठित पद जीता। ग्लैमर गुड़गांव ग्रुप द्वारा सालाना इस पेजेंट को देश के सौंदर्य प्रसाधन को मान्यता दी जाती है। महिलाएँ अपने स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी, तथा परिवार, देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी को लेकर ज्यादा सचेत रहती है। वो हर क्षेत्रमें प्रमुखता से भाग लें और अपनी रुचि प्रदर्शित करें। कई वर्षों के संघर्ष के बाद सही राह पर चलने के लिये उन्हें उनका अधिकार उन्हेमिल रहा है।