न्यायाधीशों की वेतन वृद्धि का बिल लोकसभा में पेश

नई दिल्ली  । उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का वेतन बढ़ाने से सम्बन्धित विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा पेश उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय न्यायधीश (वेतन एवं सेवा शर्त ) संशोधन विधेयक -2017 में देश के मुख्य न्यायाधीश का वेतन मौजूदा प्रति माह एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख 80हजार रुपये करने का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन 90हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये ,उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का वेतन भी 90 हजार रूपये से ढाई लाख रूपये और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों का वेतन 80हजार रुपये से बढ़ाकर सवा दो लाख रूपये करने का प्रावधान किया गया है ।इसके अलावा न्यायाधीशों का मकान किराया भत्ता ,सत्कार भत्ता और पेंशन तथा कुटुंब पेंशन की राशि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप देने का प्रस्ताव है। न्यायाधीशों का बढ़ा हुए वेतन एक जनवरी 2016 से तथा किराया भत्ता और सत्कार भत्ता एक जुलाई 2017 से प्रभावी होगा। न्यायाधीशों के वेतन ,भत्तों और पेंशन की समीक्षा इससे पहले एक जनवरी 2006 को गयी थी। विधेयक के उद्देश्यों के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से प्रभावी हो गयी हैं इसलिए न्यायाधीशों के वेतन आदि में वृद्धि आवश्यक हो गयी थी ।

 

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