कमलेश भारतीय
नई दिल्ली। टीवी चैनल पर एक कार्यक्रम का नाम है : संविधान की शपथ । आजकल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों ही इस कार्यक्रम को सार्थक कर रहे हैं । दोनों संविधान को बचाने में आरोप प्रत्यारोप लगाने में लगे हैं । राहुल गांधी ने संविधान बचाओ अभियान चलाया तो अमित शाह का जवाब यह कि संविधान नहीं , यह परिवार बचाओ अभियान हैंं । कांग्रेस ने कभी भी संविधान निर्माता डाॅ अम्बेडकर का सम्मान नहीं किया बल्कि अपमान ही किया । दूसरी ओर राहुल गांधी का कहना हैंं कि नरेंद्र मोदी के मन में दलितों के लिए कोई जगह नहीं और अगर मुझे संसद में सिर्फ पंद्रह मिनट बोलने दिया जाए तो मोदी जी खडे नहीं हो पाएंगे । अब पता नहीं राहुल गांधी ऐसी कौन सी बात होठों पे दबाते चले आ रहे हैं । अरे , बोल दीजिए न । क्या संसद के अंदर , क्या संसद के बाहर ? कुछ नहीं रखा । अपनी बात कहने दीजिए । कम से कम 29 अप्रैल की रैली में तो कह ही देना ।
अमित शाह का कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप है । अब किस मुंह से वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं आप ? भाजपा में किसके कितने वंशज राजनीति में आ चुके । क्यों सारी पोल खुलवाने हो ? पंकजा मुंडे कौन ? पंकज सिंह कौन ? ये भी किसी के वंशज हैं कि नहीं ? यह अलग बात हैंं कि अटल जी और नरेंद्र मोदी जी की संतानें नहीं । इसलिए तब तक आप मजे में वंशवाद वंशवाद गाते रहिए । जय शाह आपका सुपुत्र हैं और उसका कारोबार कैसे बढता जा रहा हैंं ? क्या करिश्मा हुआ हैंं ?
अमित शाह और राहुल गांधी को संविधान निर्माता की याद दलित राजनीति के चलते सताई हैं । कर्नाटक के चुनाव के दिन-प्रतिदिन निकट आने पर ऐसे आरोप प्रत्यारोप बढते ही जाएंगे । यूपी में कितना मजा आया था । पंजाब में भी कोई कम मनोरंजन नहीं हुआ था । अब कर नाटक होगा कर्नाटक में । देखते जाइए ।
आखिर नेता मर्यादित भाषा का उपयोग क्रश आमजन को कब प्रभावित करेंगे ? शब्द की गरिमा बहुत जरूरी है । चाहे कांग्रेस हो या भाजपा । कोई फर्क नहीं अलबत्ता ।