नई दिल्ली। हम सभी वैसे तो कई तरह के दर्द के शिकार रहा करते हैं लेकिन फिलहाल मानव शरीर से जुड़े दर्द की बात हो रही है। जब कभी भी शरीर के विभिन्न भागों में होने वाले तरह-तरह के दर्दों की चर्चा होती है सियाटिका के दर्द की बात जरूर होती है। यह वह दर्द है जो कि अगर बढ़ जाए तो इंसान चलने-फिरने में भी असमर्थ हो जाता है। पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर यह कमर और नितंब होता हुआ पैरों तक पहुंच जाता है।
लंबे समय तक बैठे रहने अथवा खड़े रहने पर इस दर्द के बढ़ जाने की आशंका रहती है। पीछे की ओर झुकने पर दर्द बढ़ जाया करता है और कई बार तो पैरों में कमजोरी अथवा उनके सुन्न पड़ जाने का भी एहसास होता है। आमतौर पर सियाटिका का दर्द किसी तरह की चोट की वजह से नहीं पैदा होता। कभी-कभी कोई भारी सामान उठाते हुए अथवा तेजी से चलते हुए यह दर्द उभर आता है।
आम तौर पर इसमें बिजली के झटके जैसा एहसास होता है। जलन पैदा होती है और कई बार ‘पैरों के सो जाने’ जैसी अनुभूति भी होती है। कभी-कभी एक ही पैर के एक भाग में दर्द होता है और दूसरा भाग सुन्न हो जाने का एहसास देता है। सियाटिका के दर्द का सबसे सामान्य कारण स्लिप्ड डिस्क होता है।
सियाटिका नसें शरीर की सबसे बड़ी नसें होती हैं और इसकी मोटाई हमारी छोटी उंगली के बराबर होती है। उम्र बढऩे के साथ ऑस्टोऑर्थराइटिस जैसी बीमारियों के कारण भी सियाटिका का दर्द हो सकता है। बहुत सी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी सियाटिका के दर्द का अनुभव करती हैं। हालांकि, सियाटिका का दर्द कभी भी और किसी को भी हो सकता है लेकिन आम तौर पर यह 30 साल के कम उम्र के लोगों को नहीं होता।
मुंबई स्थित मुंबई स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्क रिप्लेसमेंट सेंटर बॉम्बे हॉस्पिटल के हेड डॉ.अरविंद कुलकर्णी का कहना है कि सियाटिका नस में तनाव के कारण होने वाला यह दर्द, पीठ के सामान्य दर्द से अलग होता है। भले ही यह पीठ से शुरू होता हो, लेकिन धीरे-धीरे बढ़ता हुआ पैरों तक पहुंच जाता है।
डॉ.अरविंद कुलकर्णी का कहना है कि स्लिप डिस्क के इलाज में एंडोस्कोपिक सर्जरी सबसे अधिक कारगर साबित हो रही है। स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पाने के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी से बेहतर कुछ भी नहीं होता। यह ऑपरेशन एंडोस्कोप की सहायता से होता है। लोकल एनीस्थिसिया देकर की जाने वाले इस एंडोस्कोपिक सर्जरी के अंतर्गत न तो खून बहता है न टांका लगता है और डॉक्टर तो डॉक्टर खुद मरीज भी टेलीविजन स्क्रीन पर अपनी सर्जरी देख पाता है।
चिकित्सक के लिए भी यह सर्जरी आसान हो गई है क्योंकि वह तमाम जटिलताओं को वह टेलीविजन स्क्रीन पर देख रहा होता है। सर्जरी के अलावा दवाओं और व्यायामों के माध्यम से भी सियाटिका के दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन सबसे जरूरी है जीवन शैली में बदलाव। खान-पान और रहन-सहन को सुव्यवस्थित किए जाने की जरूरत है। जब दर्द हो रहा हो तब कम से कम बैठने की कोशिश करें। बैठे तभी जब उसमें खड़े रहने से अधिक आराम मिल रहा हो।
इसी तरह कुछ समय तक लेटने के बाद थोड़ा टहलने का प्रयास करें। आम तौर पर तीन सप्ताह से लेकर तीन महीने के अंदर इस दिल दहला देने वाले दर्द से छुटकारा मिल जाया करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सियाटिका का दर्द क्यों हो रहा है, यह जानने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सक ही यह बता सकते हैं कि आपका काम दवाओं, व्यायाम, जीवन शैली में बदलाव, फिजिकल थेरैपी से चलेगा या फिर आपको सर्जरी की जरूरत होगी।