नई दिल्ली। सीलिंग को लेकर व्यापारियों में मचे हाहाकार के बीच उत्तरी दिल्ली नगर नगम (एनडीएमसी) आयुक्त मधुप व्यास ने भरोसा दिलाया है कि किसी को अनुचित तंग नहीं किया जायेगा और कानून सम्मत ही कार्रवाई होगी। निगम सीलिंग से राहत देने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है और किसी से बिचौलियां संपर्क करता है तो इसकी शिकायत महापौर हैल्प लाइन पर करें जिससे कि कार्रवाई की जा सके। निगम की सीलिंग को लेकर आज विशेष बैठक में पार्षदों की चिंता का जवाब देते हुए श्री व्यास ने कहा कि सदन से प्रस्ताव पारित कराकर दिल्ली सरकार को पहले ही भेजा जा चुका है। तीनों निगमों के आयुक्त सीलिंग को लेकर उच्चतम न्यायालय की मानिटरिंग कमेटी से भी मिलकर अपना पक्ष रख चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी के साथ अन्याय नहीं किया जायेगा और कानून के मुताबिक ही कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि निगम के तहत 6 जोन आते हैं। सीलिंग को लेकर भयभीत नहीं होने की अपील करते हुए श्री व्यास ने पार्षदों से अनुरोध किया कि वह अपने अपने वार्ड में लोगों को जागरुक करें और बिचौलियों के चंगुल में नहीं फंसने दें। निगम सीलिंग से राहत देने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है और किसी से बिचौलियां संपर्क करता है तो इसकी शिकायत महापौर हैल्प लाइन पर करें जिससे कि कार्रवाई की जा सके।
महापौर प्रीति अग्रवाल ने आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वह सदन में एक प्रस्ताव लेकर आयें जिसमें कन्वजर्न चार्ज पर लगने वाले जुर्माने और ब्याज से व्यापारियों को राहत दी जा सके। इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सीलिंग को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाए। विपक्ष के नेता राकेश कुमार ने कहा कि यह रोजी रोटी से जुड़ा मुद्दा है और राजनीति की बजाय व्यापारियों को राहत कैसे मिले इस पर जोर देने की जरुरत है। स्थाई समिति अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने सीलिंग के लिए दिल्ली सरकार को दोषी बताते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार 351 सड़कों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव दबाकर बैठी रही। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व्यापारियों को गुमराह कर रही है और झूठ बोल रही है।
कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार को सीलिंग को लेकर नाटकबाजी बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और आम आदमी पार्टी(आप) सीलिंग की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं और केवल राजनीति कर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए हैं। श्री गोयल ने कन्वर्जन चार्ज पर जुर्माने और ब्याज को माफ करने की मांग करते हुए कहा कि जिस कारोबारी ने दो साल पहले भी काम शुरु किया है उससे दस वर्ष की राशि की मांग की जा रही है जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि सीलिंग से कारोबारियों को न्याय नहीं दिलाया गया, तो यह इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जायेगा।
केन्द्र में जब कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार थी तो व्यापारियों को राहत देने के लिए त्वरित कदम उठाये गए थे। इस बार भी कदम उठाकर राहत दी जानी चाहिए। सीलिंग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के चलते एक बार सदन की कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित भी करना पड़ा था।