एसआरएल ने वायु प्रदूषण रोकने वाले पौधे बांटे

गुरूग्राम के सेक्टर 29 में 1000 पौधे बांटे गए। एसआरएल के कोरपोरेट कार्यालय में भी इस तरह के पौधे लगाए गए हैं। एसआरएल ने दिल्ली एवं एनसीआर में अपनी सभी एसआरएल लैब्स और इमारतों को हरित एलईडी लाईटों से रौशन कर शुरू किया ‘साइलेन्ट मुवमेन्ट।’

नई दिल्ली। डायग्नाॅस्टिक्स चेन एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स ने बढ़ते प्रदूषण से बचने और इसके बारे में जागरुकता फैलाने के प्रयास में गुरूग्राम के भीड़भाड़ भरे सेक्टर 29 में हवा शुद्ध करने वाले 1,000 पौधे वितरित किए। इसके अलावा कम्पनी ने कई अन्य संगठनों के सहयोग से दिल्ली-एनसीआर में अपनी सभी एसआरएल लैब्स एवं इमारतों को हरित एलईडी लाईटों से रौशन करने की एक और पहल शुरू की है। हवा शुद्ध करने वाले ये पौधे एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स के कोरपोरेट कार्यालय में भी रखे गए। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के समाधान के लिए एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स ने एलो वेरा, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट और एरेका पाम जैसे पौधे वितरित कर लोगों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरुक बनाने का प्रयास किया।
इस अवसर पर एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स के सीईओ अरिंदम हल्दर ने कहा कि घर की भीतरी हवा को साफ रखने के लिए पौधों का इस्तेमाल एक ऐसा तरीका है जिसे नासा द्वारा अनुमोदित किया गया है। वायु शुद्ध करने वाले ये पौधे हवा में से बेंज़ीन और फाॅर्मेल्डिहाईड को फिल्टर कर इसे साफ़ कर देते हैं। घर की भीतरी हवा को साफ़ करने के अलावा मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के अन्य उपायों को भी अपनाएं जैसे कार पूल, बस, साइकल का इस्तेमाल या अगर हो सके तो पैदल चलना। एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स में हमारा मानना है कि रोकथाम उपचार से बेहतर है।
बता दंे कि वायु प्रदूषण कई तरह की बीमारियों का कारण है जैसे सांस और त्वचा की बीमारियां, शरीर में हाॅर्मोनों का असंतुलन, पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी और महिलाओं में गर्भपात। लांसेट के आंकड़ों के अनुसार 2015 में भारत में प्रदूषण के कारण 2.5 मिलियन मौतें हुईं, यह आंकड़ा दुनिया में अधिकतम है।

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