पटना। पटना के फोर्ड हॉस्पिटल ने स्क्रोटम (अंडकोष) की एक गंभीर बीमारी जायंट फैलेरियल स्क्रोटम एंड पेनिस से पीड़ित मरीज का सफल आपरेशन किया। 65 साल के इस मरीज को स्क्रोटम के असामान्य रूप से बढ़ जाने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। काफी बड़े हो चुके अंडकोष के चमड़े को हटाकर मरीज को फौरी राहत दी गई और अब स्किन ग्राफ्टिंग की जाएगी।
दरअसल, भागलपुर के एक 65 वर्षीय मरीज जायंट फैलेरियल स्क्रोटम एंड पेनिस बीमारी से ग्रसित थे। यह एक स्थिति है जिसमें अंडकोष और लिंग असामान्य रूप से बड़े हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर एलिफैंटियासिस या फाइलेरिया नामक एक परजीवी संक्रमण के कारण होती है। इसमें शरीर में द्रव का जमाव हो जाता है। यह द्रव अंडकोष और लिंग में जमा होकर उनमें सूजन ला देता है।
वह पिछले 5-6 साल से इस समस्या से परेशान थे। उन्हें पेशाब और शौच करने में असहनीय पीड़ा का अनुभव होता था। साथ ही चलने-फिरने में भी परेशानी हो रही थी। पेशाब सुचारू रूप से नहीं हो पाता था।
कई जगह ईलाज के बाद जब यह परेशानी ठीक नहीं हुई तब वह फोर्ड हॉस्पिटल पहुंचे। यहां हॉस्पिटल के निदेशक सह जनरल सर्जन डॉ. संतोष कुमार के नेतृत्व में डॉ. आलोक कुमार और डॉ. प्रभात रंजन की टीम ने उनका ऑपरेशन किया। सवा दो घंटे चले ऑपरेशन के बाद मरीज के अंडकोष का चमड़ा हटा दिया गया। इसके बाद स्किन ग्राफ्टिंग की जानी थी मगर इस दौरान देखा गया कि वहां इन्फेक्शन है। इसलिए फिलहाल उसे रोक दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि घाव सूखने के बाद अंडकोष को जांघ में लगा दिया जाएगा। इसके बाद स्किन ग्राफ्टिंग से पूरे गुप्तांग को ठीक किया जाएगा।
डॉ. संतोष ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद मरीज को काफी राहत मिली है और वह अब बिल्कुल स्वस्थ हैं। यह ऑपरेशन एक जटिल प्रक्रिया थी और डॉक्टरों की टीम ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।