‘क्या तबाही का कर रहे हैं इंतजार?’

नई दिल्ली : दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं.
कोर्ट ने दिल्ली के स्थानीय निकाय को अपनी आंखे मूंदने और कोई हादसा होने का इंतजार करने के लिए आड़े हाथ लिया और दिल्ली विकास प्राधिकरण से नगर के मास्टर प्लान 2021 में बदलाव करने के उसके प्रस्तावों पर सवाल किए. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण किसी तरह के दबाव के आगे झुक रहा है. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली में हर कोई अपनी आंखें मूंदे है और कोई हादसा होने का इंतजार कर रहा है. आपने (नगर निकाय) उपहार सिनेमा अग्निकाण्ड त्रासदी और बवाना तथा कमला मिल्स जैसी घटनाओं से भी कुछ नहीं सीखा है.’’
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में दुकान-रिहाइशी भूखण्डों और परिसरों का एफएआर और रिहाइशी भूखण्डों के बराबर करने का प्रस्ताव किया है. प्राधिकरण के इस कदम से सीलिंग के खतरे का सामना कर रहे कारोबारियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी.
पीठ ने प्राधिकरण से सवाल किया, ‘‘दिल्ली में रहने वाली जनता के बारे में क्या कहना है?’’ पीठ ने कहा, ‘‘आपको जनता का पक्ष भी सुनना होगा. आप सिर्फ कुछ लोगों को ही नहीं सुन सकते.’’ पीठ ने दिल्ली में हो रहे अनधिकृत निर्माणों का जिक्र किया और कहा, ‘‘आप दिल्ली की जनता के हितों का ध्यान रख रहे हैं या नहीं?’’ पीठ ने कानून का शासन बनाये रखने पर जोर देते हुये कहा कि दिल्ली कचरा प्रबंधन, प्रदूषण और पार्किंग जैसी अनेक समस्याओं से जूझ रही है. पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 20 शहरों में से 13 भारत में है. दिल्ली उनमें संभवत: सबसे अधिक प्रदूषित है. मैं नहीं जानता कि दिल्ली में निकाय प्राधिकारी क्या कर रहे हैं.’’ न्यायालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित बदलावों का जिक्र हो.

 

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