यूथ4वर्क द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार भारत कि प्रतिभा सिनेरियों में लगभग 1.75 लाख से अधिक लोगों में से 89,000 महिलाओं ने यूथ4वर्क प्लेटफर्म पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। लोगों के शिक्षा को ध्यान में रख कर किए गए क्रास-रेफरेंस के कौशल पर आधारित एक विस्तृत विश्लेषण से एक दिलचस्प रुझान देखने को मिला है।
उदयभान राजभर
नई दिल्ली।भारत एक विशाल देश है, जहां 1.3 अरब बढ़ती आबादी में प्रति 1000 पुरुषों में 945 महिलाएं है। महिलाएं दुनिया की आबादी का आधा हिस्सा है और साथ ही विकास का भी आधा हिस्सा है। आज दुनिया में हो रहे इन बदलावों के कारण नौकरियों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है और नौकरियों में पहली मांग कौशल और प्रतिभाशाली लोगों की है। इस दिशा में कार्य करते हुए सरकार पूरे भारत के युवाओं को नौकरी पाने के योग्य बनाने के लिए उनके कौशल का विकास कर रही है। हालांकि, महिलाओं में अभी भी व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में अभी भी पीछे हैं।
आज महिलाएं शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र में एक प्रभावी तरीके से भागीदारी ले रही है, जो सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम है। रोजगार के लिए स्किलिंग न केवल महिलाओं को विभिन्न कार्यों में प्रयोग होने वाले आवश्यक कौशल के साथ तैयार कर रहा है, बल्कि उन्हें अपनी रोजगार योग्यता में सुधार लाने और अपने सामाजिक कौशल को विकसित करने में भी मदद कर रहा है। जिसकी मदद से आज महिलाएं समाजिक और राजनीति दोनों की क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
यूथ4वर्क द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार भारत कि प्रतिभा सिनेरियों में लगभग 1.75 लाख से अधिक लोगों में से 89,000 महिलाओं ने यूथ4वर्क प्लेटफर्म पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। लोगों के शिक्षा को ध्यान में रख कर किए गए क्रास-रेफरेंस के कौशल पर आधारित एक विस्तृत विश्लेषण से एक दिलचस्प रुझान देखने को मिला है। विभिन्न शोधों और रिपोर्टों द्वारा प्राप्त जानकारी ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि प्रतिभा के विकास में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, आईटी और प्रबंधन क्षेत्र में बढ़ती नौकरियों के अवसरों ने भारतीय युवाओं को सीखने, अभ्यास करने और आगे बढ़ने के लिए एक नई दिशा प्रदान की है। इस विषय पर बात करते हुए यूथ4वर्क के सीईओ रचित जैन का कहना हैं कि हम प्रतिभा को व्यक्ति द्वारा किसी भी उत्पादक कौशल के प्रति उसके झुकाव के रूप में देखते हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए आय बढ़ाने में प्रयोग की जा सकती है। हमारा मंच लोगों को अपनी प्रतिभाओं का आत्म-मूल्यांकन और प्रदर्शन करने के लिए सक्षम बनाता है। इतना ही नहीं लोग आत्म-मूल्यांकन कर के किसी एक प्रतिभा के प्रति अपना रूझान दिखाते है और अन्य प्रतिभाशाली लोगों के साथ अपनी प्रतिभा की तुलना करते है। इस प्रक्रिया से प्रासंगिक रोजगार सिनेरियो को बेहतर बनाने में मदद मिलती हैं। हमारे प्लेटफार्म पर मौजूद एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे प्लेटफार्म पर मौजूद लगभग 1.7 मिलियन युवाओं में से 47 प्रतिशत महिलाएं है।
रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा के कारकों को लेकर कुछ दिलचस्प निष्कर्ष प्राप्त हुए हैं जिसके अनुसार आईटी प्रतिभा क्षेत्र के कुल युवाओं में से 42 प्रतिशत महिलाएं और 68 प्रतिशत पुरुष हैं। आईटी प्रतिभा वाली अधिकांश महिलाएं शैक्षणिक योग्यता के रूप में बीई, बीटेक हैं, हालांकि एएसपी.नेट के लिए बीई, बीटेक डिग्री वाली महिलाएं (51 प्रतिशत) कम हैं। जबकि अगर प्रबंधन प्रतिभा को देखे तो यहां कुल युवाओं में 45 प्रतिशत महिलाएं और 65 प्रतिशत पुरुष हैं। यद्यपि विश्व स्तर पर महिलाओं को अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए अधिक जागरूक होने की आवश्यकता हैं। लेकिन ज्यादातर प्रतिभाशाली महिलाओ को अपनी प्रतिभा और कौशल को प्रदर्शीत करने का सही मार्ग या प्लेटफार्म नहीं पता होता है। इस समस्या को समझते हुए अपने प्लेटफार्म के माध्यम से महिलाओं को सभी प्रकार के व्यावसायिक कौशल के लिए एक बेहतर मार्ग दे रहे हैं ताकि वह पुरुष के समक्ष अपनी प्रतिभा का बेहतर मूल्यांकन कर सकें।