नहीं रहे सुशील मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता कैंसर से थे पीड़ित

पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का निधन हो गया है। वह पिछले कई दिनों से कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ही इस बात की जानकारी दी थी। लगातार उनका इलाज चल रहा था। सुशील कुमार मोदी बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेताओं में से एक थे जिन्होंने पार्टी को राज्य में स्थापित किया और उसके लिए संघर्ष करते रहे।

2005 के बाद जब बिहार में एक बदलाव का दौर नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू हुआ तो उसका श्री सुशील कुमार मोदी को भी जाता है। सुशील कुमार मोदी ने उपमुख्यमंत्री और बिहार का वित्त मंत्रालय संभालते हुए कई बड़े फैसले लिए और राज्य में सुधार की कोशिश में शामिल भी हुए। सुशील मोदी बिहार के उन बड़े नेताओं में से थे जिन्होंने विधानसभा, विधान परिषद, राज्यसभा और लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया है।

 

जय प्रकाश नारायण, यानी जेपी के त्रिमूर्ति कहे जाते थे- लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी। लालू घाेटालों में फंसकर सक्रिय राजनीति से दूर हुए। नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। और, सुशील कुमार मोदी दोनों के साथ भी रहे और दोनों से दूर भी। अब दोनों से स्थायी तौर पर दूर हो गए सुशील कुमार मोदी। तीनों का करीब पांच दशकों का साथ था। भारतीय जनता पार्टी से कभी लालू प्रसाद यादव भी करीब हुए थे तो उसमें सुशील कुमार मोदी की भूमिका मानी जाती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तो भाजपा से हर बार करीब आने की वजह ही सुशील मोदी रहे। खास बात यह भी कि लालू से लंबे समय से दूरी में सुशील मोदी हमलावर भूमिका में अग्रणी रहे। इसी तरह जब भाजपा नीतीश कुमार से अलग रही तो उनपर हमले की कमान भी सुशील मोदी ही संभालते रहे। मतलब, पांच दशकों में जब-जो रिश्ता मिला, उसे बखूबी निभाया सुशील मोदी ने। आज उनके निधन से यूं तो राजनीति में हर कोई आहत है, लेकिन इन दोनों पर इसका असर ज्यादा होगा। उसमें भी नीतीश पर सर्वाधिक। क्योंकि, वह हमेशा नीतीश के सबसे पसंदीदा डिप्टी रहे।

 

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