स्वयं और खेलो इंडिया ने पैरा-एथलीट्स के अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिए साझेदारी की, पैरा गेम्स 2023 के लिए बना एक्सेसेबिलिटी पार्टनर

 नई दिल्ली।   युवा मामलों और खेल मंत्रालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रम खेलो इंडिया और भारत के प्रमुख एक्‍सेसिबिलिटी संगठन स्वयं ने खेलो इंडिया के पहले पैरा गेम्स के लिए अपनी साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी का पूरा फोकस युवा और उभरते हुए पैरा एथलीट्स के लिए आधारभूत ढांचा बनाने और ट्रांसपोर्ट की सुविधा मुहैया कराने पर है।

खेलो इंडिया इस साल इस साल पैरा गेम्स की शुरुआत कर रहा है। इस नई पहल से दर्शकों को सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1400 से ज्यादा पैरा एथलीट्स की असाधारण भागीदारी को देखने का मौका मिलेगा। यह आठ दिन का इवेंट देश की राजधानी दिल्ली के तीन बड़े स्टेडियम, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, इंदिरा गांधी एरेना और डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित किया जाएगा। यहां यह गेम्स 10 से 17 दिसंबर तक खेले जाएंगे। इस आयोजन का सात प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाएगा, जिसमें पैरा एथेलेटिक्स, पैरा आर्चरी, सीपी-फुटबॉल, पैरा-बैडमिंटन, पैरा-टेबल-टेनिस, पैरा शूटिंग और पैरा पावर लिफ्टिंग शामिल है।

आगामी पैरा गेम्स के लिए, स्वयं ने सभी पैरा-एथलीट्स, पैरा अधिकारियों और पैरा कोचों को उनकी पहुंच में ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं मुहैया कराने की भारी-भरकम जिम्मेदारी ली है। उन्हें रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट से उनके होटल, हॉस्टल और संबंधित स्टेडियम तक पहुंचाने का काम स्वंय करेगा। इनके सफर को सुरक्षित बनाने और सभी को सम्मानित ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाना इनका उद्देश्य है। इसके अलावा इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले खेलो इंडिया के अधिकारियों और 400 स्वयंसेवकों के लिए संवेदनशील प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।

इसके अलावा खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमताओं को दरकिनार करते हुए संपूर्ण विकास को बढ़ावा देना इस आयोजन का मकसद है। स्वयं की सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स की टीम ने तीन बड़े स्टेडियमों और वहां मौजूद सुविधाओं का दिव्यांग खिलाड़ियों की पहुंच के लिहाज से पूरी तरह ऑडिट किया है, जिससे यह स्टेडिय़म सही मायनों में सभी खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया कराने का सच्चा प्रतीक बन सकें। दिव्यांग खिलाड़ियों, कोच, उनकी देखभाल करने वाले लोगों, अधिकारियों और दर्शकों के लिहाज से इन स्टेडियम के आधारभूत ढांचे की कमियों की पहचान की गई और राष्ट्रीय महत्व की प्रतियोगिता का आयोजन सुचारू रूप से कराने के लिए इसकी कमियों को सुधारा गया। इस ऑडिट में यह सुनिश्चित किया गया कि पैरा खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए न केवल रैंप और रेलिंग उपलब्ध हो, बल्कि उनके लिए ऐसे टॉयलेट्स, सीट और पार्किंग का प्रबंध किया जाए, जो उनके लिए सुविधाजनक हो।

स्वयं की चेयरपर्सन और जिंदल सॉ की प्रबंध निदेशक मिस स्मिनु जिंदल ने कहा, “हम पैरा गेम्स के लिए खेलो इंडिया से साझेदारी कर काफी उत्साहित हैं, जो खेलकूद को सभी की पहुंच में लाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। इस साझेदारी के तहत हम पैरा खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं जुटाने की दिशा में साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे इस काम में हासिल की जाने वाली सफलता सभी को नजर आए। हमें उम्मीद है कि यह साझेदारी विकास और स्वयं के विजन का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे खेल के मैदान में सभी खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।’’

 

मिस जिंदल ने कहा, “यह साझेदारी हमारे देश के कोने-कोने में छिपे खिलाड़ियों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने में बड़ी  भूमिका निभाएगी। इससे खिलाड़ियों की प्रतिभा सबके सामने आएगी और हमारे देश के खिलाड़ी विदेश में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर देश के लोगों को गर्व का अहसास करा सकेंगे। इसके साथ ही खेलो इंडिया के लिए बजट में बढ़ोतरी कर सरकार ने भारत में स्पोर्ट्स और पैरा स्पोर्ट्स के विकास के लिए अनगिनत सुविधाएं मुहैया कराई है। इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं।’’

 

खेलो इंडिया और स्वयं के बीच की यह साझेदारी भारत में सभी खिलाड़ियों के लिए खेल का बेहतर माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वंय और खेलो इंडिया यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है कि शारीरिक क्षमता को दरकिनार रखते हुए हर व्यक्ति इस खेल प्रतियोगिता में भाग ले सकें, प्रतिस्पर्धा कर सके और खेल के उस उत्साह का आनंद उठा सकें, जिससे पूरे देश के लोग एकजुट होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.