“बेटी है तो कल है”

रंजना झा समाज में बेटियों के प्रति आज भी कहीं न कहीं विसंगतियां देखने को मिलती है घर ,समाज , ऑफिस, हर मोड़ पर –जैसे बेटियों को जन्म से ही …