हर जरूरतमंद के लिए मेरा दर खुला है: प्रशांत रोकडे

  नई दिल्ली। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि जाकि रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन देखहि वैसी। यह बात उस समय जितनी प्रासंगिक थी, आज भी सौ फीसदी सच है। …

प्रयास से आएगा परिवर्तन: प्रशांत रोकडे

नई दिल्ली। आमतौर पर लोगों के जेहन में यह सोच घर कर बैठी है कि नौकरशाह उंची कुर्सी पाने के बाद आम जनता की सुध नहीं लेते हैं। लेकिन, वास्तविकता …