ओ.बी.सी. का मंत्रालय एवं बजट आवंटन अलग हो : जयदत्त क्षीसागर

नई दिल्ली। अखिल भारतीय तैलिक साहु महासभा की तालकटोरा स्टेडियम की रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जयदत्त क्षीरसागर ने पिछड़े वर्ग के मंत्रालय अलग करके उनका बजट आवंटन अलग करने एवं पिछड़े वर्ग अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिलने वाले आरक्षण को सम्यक कार्यान्वयन, तेली जाति के समुचित राजनीति प्रतिनिधित्व देने की मांग की। यह भी मांग की गई कि ओबीसी को प्रमोशन में नौकरी में आरक्षण मिले। रैली में देश भर के तेली समाज के 25 हजार लोग तालकटोरा स्टेडियम में भाग लिया।
अखिल भारतीय तैलिक साहु महासभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष जयदत्त क्षीरसागर ने आरक्षण के कार्यान्वयन की प्रक्रिया पर क्षोभ जताते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति को मिलने वाले 49.5 फीसदी मिलने वाले आरक्षण को सीमित करके उन वर्गों को 51.5 फीसदी सुनिश्चित कर दिया गया, जिनकी संख्या तकरीबन 15 फीसदी है। इस प्रकार आरक्षण की संकल्पना का सम्यक निर्वहन नहीं हो पा रहा है। आरक्षण का पूरी तरह लाभ अभी भी जरूरतमंद को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्गों के कल्याणार्थ अलग मंत्रालय कार्य कर रही है। और उसका बजट आवंटन भी अलग है उसी तरह पिछड़े वर्गों के कल्याणार्थ चलाई जाने वाली योजनाओं के बजट आवंटन को अलग किया जाना चाहिए।
जयदत्त क्षीरसागर ने मांग की कि ओ.बी.सी. वर्ग को नौकरी प्रमोशन में आरक्षण होना चाहिए। क्रीमीलीयर की लिमिट को बढ़ाया जाए। पिछड़े वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पिछड़ों में भी पिछड़े तक पहुंचाने के लिए पिछड़े वर्ग को वगीर्कृत करके पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग में बांटा जाना चाहिए। जिस प्रकार से बिहार में वर्गीकृत है। उन्होंने कहा कि की ओ.बी.सी. वर्ग को नौकरी प्रमोशन में आरक्षण देने की मांग की तथा ओ.बी.सी. कमिशन को एस.सी.एस.टी कमिशन के अनुसार संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए।
जयदत्त क्षीरसागर ने कहा कि तेली समाज राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी आबादी वाली जाति है। देश भर में करीब 14 करोड़ आबादी वाली तेली जाति आज भी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक व राजनैतिक रूप से काफी पिछड़ी हुई है। इसे अति पिछड़ी जाति की श्रेणी में रखा जाए। उन्होंने महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि तेली जाति को देश की कुल जनसंख्या के अनुपात में पार्टी द्वारा उम्मीदवारों को सांसद, विधायक, प्रत्याशी बनाया जाए, तेली जाति के लोगों का विभिन्न आयोगों, निगमों प्राधिकरणों एवं संगठन में प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है, इसमें भी आनुपातिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए।
जयदत्त क्षीरसागर ने मांग की है कि देश की राजधानी दिल्ली में तेली जाति का कोई सामाजिक भवन नहीं है, जिससे समाज का कार्यालय एवं गरीब छात्र/ छात्राओं के शिक्षा हेतु छात्रावास तथा धर्मशालाएं नहीं है, जिससे मेधावी छात्र/ छात्राएं कोचिंग एवं परीक्षा की तैयारी का लाभ इत्यादि प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। अतएव कम से कम 1000 वर्ग मीटर जमीन का एक प्लाट डीडीए नईदिल्ली से आवंटित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मां कर्मा पूरे भारतवर्ष में साहु / तेली समाज की आराध्य देवी है, उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया जाए।
इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडण्वीस, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवरदास, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले, केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ, अखिल भारतीय तैलिक साहु महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयदत्त क्षीरसागर, अखिल भारतीय तैलिक साहु महासभा के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल गुप्ता, उर्जा मंत्री महाराष्ट्र सरकार चंद्रशेखर बावनकूले, राजस्व मंत्री बिहार रामनाराय मंडल, सामाजिक न्याय मंत्री, दिल्ली प्रदेश राजेंद्र पाल गौतम, सरलाही नेपाल सांसद प्रमोद साह, महोत्तरी नेपाल सांसद दिलकुमार साह, वर्धा एवं कार्यकारी अध्यक्ष रामदास तडस, सांसद दुर्ग ताम्रध्वज साहु, सांसद विलासपुर साहु, डिब्रूगढ़ एवं कार्यकारी अध्यक्ष सासंद रामेश्वर तेली, सांसद दिल्ली मनोज तिवारी, कार्यक्रम में उपस्थित रहे। गौरतलब है कि अखिल भारतीय तैलिक साहु महासभा 106 वर्ष पुरानी संस्था है, जिसके अध्यक्ष पूर्व मंत्री एवं सांसदगण रहे हैं। तेली समाज की यह पहली बार अखिल भारतीय रैली दिल्ली में आयोजित की गई।

 

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