टैक्स रिटर्न करने का नया डिजिटल तरीका – ई-फाइलिंग 

नई  दिल्ली ।  डिजिटलाइसेशन की ओर बढ़ते हुए, भारतीय कर विभाग ने भी इसमें तेजी पकड़ ली है।  ई-फाइलिंग एक ऐसी  प्रक्रिया है जिसमे आप अपने कर कागजात , इंटरनेट के माध्यम  से  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा करा सकते है वो भी कोई  और कागजात जमा कराए बिना। ई  टैक्सेशन का एहम मकसद है नौकरशाही सेवा प्रणाली को बदलना , और  साथ  ही कुशल ,  संचालित और सुरक्षित आॅनलाइन वितरण को बढ़ावा देना । अगर आप कर  कानून  के बारे में जानते है , तो आप खुद ब  खुद अपने रिटर्न्स टैक्स डिपार्टमेंट वेबसाइट  पर जा कर  फाइल कर सकते है वो भी बिना किसी कीमत पर।  खुद को रजिस्टर  करे और अपनी मेल आई डी  और पासवर्ड के माध्यम से अपने रिटर्न्स इस वेबसाइट पर फाइल करें ।  इसे और सुविधाजनक बनाने के लिए, सभी आय  विवरण तैयार रखे।   यह वेबसाइट आपको सारी जानकारी एक ही माध्यम में प्रदान करती है  इसलिए इसका इस्तेमाल सुविधाजनक है। नई दिल्ली स्थित एकेजीवीजी एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर सीए अमित कुमार गर्ग के अनुसार ह्ण  टी डी एस और टी सी एस  की जानकारी भी इस  वेबसाइट  पर उपलब्ध है  और आप आत्म  मूल्यांकन कर भुगतान भी भर सकते है।  आप अपने पिछले रिटर्न्स,  उनकी स्थिति, बकाया कर मांग, धनवापसी की स्थिति, आई टी आर और रसीद की स्थिति के बारे में विवरण भी देख सकते है।  हाल ही में , वेबसाइट को उपभोक्ता के अनुकूल बनाने के लिए कुछ विशेषताओं को जोड़ा है –
क्विक फाइल आॅप्शन – आई टी आर 1 और आई टी आर 4 जैसे सरल रिटर्न  दाखिल करने के लिए , क्विक फाइल आॅप्शन  बहुत ही अच्छा और सरल उपाए है। इस विकल्प का चयन करने से पैन डेटाबेस या दायर किए गए पिछले रिटर्न से आईटीआर फॉर्म में सभी संभावित क्षेत्रों को प्री-भरने में सक्षम बनाता है। ऐसा  करने से रिटर्न फाइल करते समय, आपका बहुत टाइम बचेगा।
आपके लॉगिन के लिए एक द्वितीय स्तर का प्रमाणीकरण ई-फाइलिंग वॉल्ट नामक सुविधा के माध्यम से पेश किया गया है। इस सुविधा का उपयोग आप अपने अकाउंट में लोग इन करके प्रोफाइल सेटिंग टैब में जाकर कर सकते है।  ऐसा करने से ,  उपभोक्ता आई डी  पासवर्ड की बजाए  नेट बैंकिंग और आधार आधारित ओटीपी जैसे विकल्पों के माध्यम से ई फाइलिंग  खाते में लोग इन कर सकते है।
ई फाइलिंग  प्रक्रिया को पूरी तरह  से आॅनलाइन करने के लिए  और आई टी आर वी फॉर्म को मेल के माध्यम से पोस्ट करने की परेशानी से बचने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन पेश किया गया है।  जब  आपका रिटर्न आॅनलाइन दर्ज हो जाता है तो उसके बाद अल्फा न्यूमेरिक कोड उत्पन्न होता है।  आप अपने नेट बैंकिंग खाते, डेबिट / क्रेडिट कार्ड का उपयोग , बैंक खाता  सख्या , डीमैट अकाउंट नंबर , ईमेल आई डी या मोबाइल नंबर के माध्यम से भी ई वी  सी उत्पन्न कर सकते है। इन तीनो विकल्पों में भाग लेने वाले बैंको की सूचि ई फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध है।   हालांकि रिटर्न की ई-फाइलिंग एक साधारण प्रक्रिया है लेकिन एक व्यक्ति की आय कई प्रमुखों के तहत उसकी आय का गठन होता है जिसके लिए उचित वर्गीकरण की आवश्यकता होती है। अनुचित वर्गीकरण के  कारण गलत ब्याज , रिटर्न  और  जुमार्ना लग सकता है।  इसलिए ऐसे मामलो में एक प्रोफेशनल  चार्टर्ड एकाउंटेंट की सलाह आवशयक है।

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