नई दिल्ली। आयकर विभाग ने टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (टीडीएस) को लेकर हजारों करोड़ रुपये की एक धोखाधड़ी का खुलासा किया है. द टाइम्स आॅफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली 447 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों टीडीएस तो काटा लेकिन उसे आयकर विभाग के पास जमा नहीं कराया. यह रकम करीब 3200 करोड़ रु बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि इस रकम को इन कंपनियों ने अपने कारोबारी हितों पर खर्च कर दिया. यह रकम उन्होंंने अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के दौरान काटी थी.
जिन कंपनियों ने टीडीएस नहीं जमा कराया उनमें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली एक चर्चित बिल्डर भी शामिल है. उस पर 100 करोड़ रुपये के टैक्स की हेराफेरी का आरोप है. इसी तरह बंदरगाह विकास से जुड़ी एक कंपनी पर 14 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है तो वहीं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी पर 11 करोड़ रुपये का टैक्स न जमा कराने का आरोप है. ऐसा करने वालों में स्टार्टअप के अलावा फिल्म जगत और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी कंपनियां भी शामिल हैं.
इन कंपनियों से टैक्स वसूलने की कार्रवाई शुरू हो गई है. एक अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘आरोपित कंपनियों के बैंक खातों के साथ उनकी चल-अचल संपत्तियों को सील किया जा रहा है. कुछ कंपनियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं जबकि कुछ के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है.’ एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘टीडीएस न जमा कराने पर कुछ कंपनियों ने माफी मांगी है और इसे जल्दी जमा कराने का भरोसा दिलाया है. कुछ कंपनियों ने कुल काटे गए टीडीएस का आधा ही जमा कराया है.’ इस तरह टैक्स की चोरी के लिए तीन महीने से सात साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान है.