मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ही बनेगा मंदिर: साध्वी ऋतम्भरा

 

नई दिल्ली। प्रख्यात संत साध्वी ऋतम्भरा ने कहा है कि जिस प्रकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ, उसी तरह श्रीकृष्ण भगवान का भव्य मंदिर उनकी जन्मभूमि मथुरा में भी बनाया जाएगा। इसके लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं। वे यह बात दिल्ली में लेखक दीपक कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “हमारे प्रेरणा स्रोत द्वापर के श्रीकृष्ण” के लोकार्पण समारोह में बोल रही थीं।

कार्यक्रम में लेखक दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने इस पुस्तक में धार्मिक ग्रंथों के आधार पर द्वारका का विस्तृत वर्णन किया है। उन्होंने समुद्र में डूबी द्वारका नगरी की खोज को लेकर 1998 से 2003 तक भाजपा के तत्कालीन कोषाध्यक्ष वेदप्रकाश गोयल के साथ किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया। लेखक ने कहा कि उन्होंने इस ऐतिहासिक खोज के लिए गुजरात मैरीटाइम बोर्ड, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (गोवा) जैसे संस्थानों से पत्राचार भी किया, जिसके पत्र इस पुस्तक में शामिल किए गए हैं।

पुस्तक में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों को एक अलग अध्याय के रूप में शामिल किया गया है, जिसमें श्रीकृष्ण की वंशावली, राजसूय और अश्वमेघ यज्ञ, और अखंड भारत की भौगोलिक सीमाओं पर आधारित नक्शे जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं।

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने पुस्तक को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना का स्रोत बन सकती है।
अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन मंत्री डॉ. बाल मुकुंद पांडे ने कहा कि पुस्तक में हजारों संदर्भों के साथ दी गई वंशावली अद्वितीय है और यह एक ग्रंथ के समान है।

वरिष्ठ भाजपा नेता सुधांशु मित्तल ने लेखक के बहुआयामी प्रयासों की सराहना की, वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े अदालती मुकदमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष श्री अतुल जैन ने लेखक के ऐतिहासिक शोध और समर्पण की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस कार्यक्रम का संचालन पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. अमित राय जैन ने किया और प्रकाशक किताबवाले के श्री प्रशांत जैन ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

यह आयोजन न केवल एक पुस्तक विमोचन था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक चेतना और श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी धार्मिक आकांक्षाओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सशक्त कदम भी सिद्ध हुआ।

 

 

 

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