मनोरंजन शिविर बन कर रह गया चिंतन शिविर ? 

क्या तीन दिवसीय टिम्बर ट्रेल पर लगा चिंतन शिविर मात्र मनोरंजन शिविर बन कर रह गया ? क्या अपने ही गुणगान करने के लिए बुलाया था चिंतन शिविर ? क्या शिक्षा प्रणाली में पहले से सुधार की जरूरत नहीं महसूस की जा रही ?
हरियाणा सरकार ने राजीव गांधी केंद्रों का नाम बदल करने ग्राम सचिवालय करने दिया । क्या यही विकास है ? दूसरों की योजनाओं केंद्र नाम बदलना ही विकास है ? गांवों शहरों केंद्र नाम बदलना ही विकास है ? हिसार के चमारखेडा गांव के लोग नाम बदलने का विरोध करने रहे हैं । गुरुग्राम को पता नहीं कितना नुकसान झेलना पडा ।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जो नसीहत दी वह यह कि जो गलत काम हैं , उनको न करना सीखो और जो अच्छे काम हैं , उनके लिए हां करना सीखो । पर हो तो बिलकुल विपरीत रहा हैंं । कोई गलत काम कोई ढंके की चोट करवाता हैंं,  जैसे सीमा त्रिखा ने अवैध कब्जे हटवाने नहीं दिए । अपनी जय जयकार करवाई । बताइए , कौन सीख कर जाएगा ; यही नसीहत और कौन इस पर अम्ल करेगा ?
चिंतन शिविर में खबरों में अधिकारियों के गीत गजल की खबरें छाई रहीं । क्या यही चिंतन है ?  सचमुच कहीं अधिकारियों कोई ही तो खुश नहीं करे रहे थे ?  लगाम तो उनके हाथ में ही रहती है न ?
सरकार तीन दिन छुट्टी पर रही । खूब हंसी ठिठोली हो ली । अब काम पर वापस आ जाइए , सरकार । जनता आपकी राह देख रही है । कोई कुछ नहीं कहेगा । अपने घर और अपने राज्य में आप जाइए । स्वागत् है आपका ।
कमलेश भारतीय 

One Comment on “मनोरंजन शिविर बन कर रह गया चिंतन शिविर ? ”

  1. बहुत आभार । मेरे विचार को चिंतन के लिए पाठकों तक पहुंचाने के लिए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.