भारतीयता को एक नया स्वर देने के लिए ‘द हिन्दी’ की शुरुआत

नई दिल्ली। जैसे जैसे समय डिजिटल होता जा रहा है, चीजें बदलती जा रही हैं। आजकल के युवा अपनी सभ्यता, संस्कृति और साहित्य को भी आॅनलाइन पढना चाहते हैं। समझना चाहते हैं। हर हाथ में मोबाइल और हर घर तक इंटरनेट की पहुंच ने इसे सुलभ बना दिया है। इन्हीं सब सोच के तहत काॅरपोरेट कम्युनिकेशन के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवा उद्यमी तरुण शर्मा ने एक नया वेबसाइट शुरू किया है, जिसे नाम दिया गया है द हिन्दी।

द हिन्दी के प्रबंधन से जुडे लोगों का कहना है कि द हिंदी एक ऐसा ही प्रयास है कुछ कर्मठ युवाओं की जो देश विदेश में रहने वाले अपने भाई-बंधुओं को आपस में जोड़ने की कोशिश तो करेगा ही साथ ही साथ उन्हें एक मंच प्रदान करेगा। जहाँ वो अपनी बातों को बिना भय के रख सकें। द हिंदी के माध्यम से लोग भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य के साथ साथ समसामयिक मुद्दों पर गंभीर विचारों को जान सकेंगे। द हिंदी देश-विदेश में रहने वाले भारतीय लोगों के अनछुए पहलूओं को लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करेगा, साथ ही भारत से बाहर रहने वाले वैसे भारतीयों को भारत में होने वाले हर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी देने की कोशिश करेगा।

http://thehindi.in/

आज हिन्दी वैश्विक पटल पर स्थान बना रही है। हिन्दी बोलने मात्र से भारत का बोध होता है। विश्व के किसी भी कोने में कोई हिन्दी बोलते और सुनते नजर आएंगे, तो उनका सरोकार भारत से ही होगा।अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए हमने ‘द हिन्दी’ की शुरुआत की है। हिन्दी के नए बेटे-बेटियों के लिए नया ठिकाना है – ‘द हिन्दी’। कोई भाषा जब अपनी यात्रा शुरू करती है, तब वह अपने साथ उस भाषा के समस्त भूगोल और संस्कृति को समेटे हुए होती है। इसलिए ‘द हिन्दी’ केवल भाषा की बात नहीं करती है। ‘द हिन्दी’ ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ यात्रा करने का निर्णय लिया है।

 

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