एफटीए का आंकड़ा कहता है कि विदेशियों के भारत आने को आंकड़ा 71.20 लाख का रहा है। जबकि यह तब हैजबकि दुनिया के सिर्फ 15 देशों से ही सबसे अधिक पर्यटक भारत घूमने आए हैं।
डॉ. मयंक चतुर्वेदी
भारत आज विश्व में किस तरह से लोगों के लिए एक पर्यटन केंद्र के रूप में पहली पसंद के रूप में उभर रहा है, उसका पता इससे चल जाता है कि किस तेजी की संख्या के साथ दुनियाभर के देशों से लोग भारत में घूमने के लिए आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष में ही देश में विदेशी पर्यटकों का इजाफा हुआ है और उनके यहां आने का प्रतिशत 18.8 प्रतिशत तक बढ़ा है, जिसमें कि विशेष यह है कि जब से भारत सरकार ने ई-पर्यटक वीजा देना आरंभ किया है, विदेशी पर्यटकों के आगमन में तेजी से वृद्धि होते हुए यह आज 71 प्रतिशत तक पहुँच गई है।
वस्तुत: इस संदर्भ में पर्यटन मंत्रालय आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) से प्राप्त राष्ट्रीयता-वार एवं बंदरगाह-वार आंकड़ों के आधार पर विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) के साथ-साथ ई-पर्यटक वीजा पर विदेशी पर्यटकों के आगमन के मासिक अनुमानों संकलित आकड़ों को यदि देखा जाए तो वह यही बता रहे हैं कि भारत में नोटबंदी की गई हो या जीएसटी के बाद देशभर में जैसा कि कहा जा रहा है कि महंगाई बढ़ गई है, किंतु इस महंगाई का असर विदेशियों पर बल्कि हमारे मुल्क से जुड़े बांग्लादेश और श्रीलंका तक के लोगों पर नहीं हुआ है, जिनकी कि विश्व स्तर पर इकोनॉमी स्थिति भारत से भी कमजोर है।
विदेशी मेहमानों की भारत आने की स्थिति पिछले दो साल के तुलनात्मक अध्ययन में कुछ तरह रही है कि जहां वर्ष 2016 में 6.08 लाख और सितम्बर, 2015 में 5.43 लाख पर्यटक भारत आए तो वहीं सितम्बर, 2017 के दौरान 7.23 लाख विदेशी मेहमानों ने अपने लिए घूमने की जगह के रूप में अपनी पहली पसंद भारत को चुना। इसी आंकड़े को यदि हम जनवरी-सितम्बर, 2017 के बीच का देखें तो एफटीए का आंकड़ा कहता है कि विदेशियों के भारत आने को आंकड़ा 71.20 लाख का रहा है। जबकि यह तब हैजबकि दुनिया के सिर्फ 15 देशों से ही सबसे अधिक पर्यटक भारत घूमने आए हैं।
भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) के तथ्य कह रहे हैं कि सबसे अधिक बांग्लादेश से 29.65 प्रतिशत पर्यटक भारत भ्रमण के लिए आए हैं। इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन से आनेवालों की स्थिति है। अमेरिका से 10.24 प्रतिशत, ब्रिटेन 7.04 प्रतिशत, श्रीलंका 3.98 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया से 3.50 प्रतिशत पर्यटक भारत घूमने आए हैं। इसके बाद मलेशिया से 3.32 प्रतिशत, जर्मनी 2.57 प्रतिशत, जापान 2.50 प्रतिशत, चीन 2.46 प्रतिशत, कनाडा 2.40 प्रतिशत, नेपाल 2.30 प्रतिशत, फ्रांस 1.86 प्रतिशत, सिंगापुर 1.77 प्रतिशत, कोरिया 1.40 प्रतिशत और अफगानिस्तान से 1.21 प्रतिशत लोग भारत दर्शन के लिए आए हैं।
देश में बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या में जो सबसे बड़ा इजाफा हुआ, वह वस्तुत: ई-पर्यटक वीजा पर आने वाले विदेशियों के कारण से सबसे अधिक हुआ है। एफटीए की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2016 की संख्या 0.69 लाख के मुकाबले सितम्बर, 2017 तक देश में ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 1.18 लाख पर्यटक भारत आए हैं, जोकि सीधे तौर पर 71.0 प्रतिशत की वृद्धिहै। ई-पर्यटक वीजा सुविधाओं का लाभ उठानेवाले विश्व के यदि 15 देशों की सूची देखें तो ब्रिटेन से इस अवधिमें 12.1, अमेरिका 10.2, चीन 6.3, ऑस्ट्रेलिया 5.5, जर्मनी 4.9, फ्रांस 4.3, स्पेन 3.9, इजरायल 3.2, कोरिया गणराज्य 3.2, ओमान 3.2, कनाडा 3.1, सिंगापुर 2.6, संयुक्त अरब अमीरात 2.2 प्रतिशत में तथा मलेशिया 2.1 प्रतिशत और इटली 4.9% लोग भारत को समझने एवं देखने के लिए भारत आए हैं।
वस्तुत: भारत में आज जिस तरह से पर्यटक बढ़ रहे हैं, उसके पीछे केंद्र सरकार की उन कल्याणकारी योजनाओं को श्रेय जाता है, जिसके कारण से पर्यटकों को आज पिछली सरकारों के मुकाबले ज्यादा रास आ रहा है। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री स्वदेश दर्शन व प्रसाद योजना नरेन्द्र मोदी सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत ही विशेष प्रकार की पहल कही जा सकती है, इसमें देश में जो पर्यटन स्थल हैं वहां की सार्वजानिक सुविधाओ एवं पर्यटन एवं पर्यटन से जुड़े पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इससे धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थलों को विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त बनाये जाने के लिए प्रयत्न किए जा रहे हैं। इन केंद्रों को बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से युक्त करने के साथ ही बेहतर पार्किंग, रहने के लिए अतिथिगृहों के निर्माण की योजना बनाई गई है। इसके अलावा मोदी सरकार देशभर में तेजी के साथ बुनियादी ढांचा विस्तार जैसे कि सड़क एवं परिवहन सुविधाओं, रेलवे, नागरिक उड्डयन और कौशल विकास प्रशिक्षण विस्तार में लगी हुई है, आज इसके भी सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। वाराणसी जैसे बौद्ध सर्किट के महत्वपूर्ण स्थलों को हेलिकॉप्टर सेवाओं से जोड़ना, महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों की रेलगाड़ियों में पर्यटकों के लिए विशेष डिब्बे, रोजगार बढ़ाने के लिए स्थानीय लोगों विशेष रूप से महिलाओं को पर्यटक गाइड के रूप में प्रशिक्षित करना, पर्यटन क्षेत्रों में परिवहन और ठहरने जैसी आधाभूत बुनियादी सुविधाओं में सुधान इन दिनों समुचे भारत में युद्ध स्तर पर देखा जा सकता है।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के विश्वस्तर पर किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत में पर्यटन विकास के लिए विश्व बैंक ने 86 समझौतों पर पिछले वर्ष ही हस्ताक्षर किए हैं और अपना पूर्ण सहयोग देने का वायदा किया है। विश्व बैंक भारत के बौद्ध परिपथ के विकास में सहायता कर रहा है तथा निधियों के माध्यम समेत पर्यटन क्षेत्र के टिकाऊ विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए वह आगे संकल्पित है। भारत में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ एवं भारतीय पर्यटन वित्त निगम की साझीदारी में आयोजित ‘अतुल्य भारत पर्यटन निवेशक सम्मेलन (आईआईटीआईएस) के समापन सत्र में गत वर्ष जो कई घोषणाएं की गईं, उससे पता चल रहा है कि वर्तमान भारत का मान दुनियाभर में कितना अधिक आज बढ़ चुका है।
लेखक, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी के वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म सेंसर बोर्ड एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं।