नई दिल्ली। “कार्डिएक बीमारियां दुनिया में मौत का सबसे बड़ा कारण है और भारत हृदय रोगों की नई राजधानी बन गया है। हृदय रोग सिर्फ मेट्रो शहरों की समस्या है, पहले, दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के में भी बीमारी देखी जाती है। एक समय में शहरी आबादी की बीमारी मानी जानी वाली टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप आज के समय में घरेलू नाम बन चुके हैं, जो बड़े पैमाने पर छोटे शहरों को प्रभावित कर रहे हैं।
नई दिल्ली स्थित फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल के कार्डिएक स्पेशिएलिटी के निदेशक डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि हृदय संबंधी समस्याएं पूरी दुनिया में मौत और विकलांगता के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, हर वर्ष 1.75 करोड़ लोग कोरोनरी हार्ट डिजीज, उच्च रक्तचाप, कार्डिएक अरेस्ट, कंजेस्टिव हार्ट फेल, एरिथमिया और स्ट्रोक जैसी कार्डिएक बीमारियों का सामना करते हैं। नियमित रूप से रक्तचाप की निगरानी करना, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाए रखना, डायबिटीज, धूम्रपान न करना, वजन नियंत्रित करने और नियमित व्यायाम जैसे जीवनशैली से जुड़े बदलाव हृदय को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं।
फोर्टिस अस्पताल और सीटीवीएस के ओपल हार्ट केयर के साथ मिलकर वाराणसी में ओपीडी का संचालन करता है। इस ओपीडी का संचालन महीने में एक बार ओपल हार्ट केयर में डॉ. संजय गुप्ता द्वारा किया जाता है। मंगला डेंबी, फेसिलिटी निदेशक, एफएचवीके ने कहा, “स्वास्थ्यसेवा प्रदाता के तौर पर हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को सेहतमंद जीवनशैली जीने बारे में जानकारी देना है। अगर लोगों को बीमारी के लक्षण के बारे में पता हो और वे समय से बीमारी की पहचान के महत्व को समझ सकें तो आधी लड़ाई जीत ली जाएगी। इस कैंप का आयोजन करने के पीछे हमारा उद्देश्य समाज को शिक्षा और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना है। हम आम लोगों की सेहत के प्रति जागरूकता की सराहना करते हैं।