उमर को मुआवजा, नन्हे मिंयाँ पर सैक्यूलर चुप्पी शर्मनाक : सुरेन्द्र जैन

नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद रामपुर के शहजाद नगर में नन्हें मियां नामक एक गौ रक्षक की कुछ गौ हत्यारों द्वारा निर्मम हत्या की कठोर शब्दों में निंदा करती है. नन्हे मियां की हत्या चाकू से गोदकर जिस दरिंदगी के साथ की गई वह किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को हिला कर रख देगी. विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि एक गौ हत्यारे अखलाक की हत्या पर आसमान सिर पर उठाने वाली तथा-कथित करुणाशील सेक्यूलर बिरादरी इस मामले पर चुप क्यों है? अवार्ड वापसी ब्रिगेड से लेकर वोट बैंक की राजनीति करने वालों का रहस्यमय मौन स्पष्ट करता है कि ये तथाकथित अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक के रूप में देखते हैं और हिंदू समाज को कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हुए अल्पसंख्यकों को भड़काने का हर अवसर प्रयोग करते हैं. उनको एक गोभक्त नन्हे मियां, जो स्वयं एक मुसलमान थे और उन के हत्यारे भी मुसलमान थे, शायद इसीलिए, उन्हें इसमें कोई मसाला नहीं मिला.
डॉ जैन ने आरोप लगाया कि इस सेकुलर बिरादरी की रूचि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में नहीं वल्कि गौरक्षकों को लांछित करने में है. गौ हत्यारों वह तस्करों द्वारा पिछले दिनों जिस तरह सुरक्षाबलों वह नागरिकों पर जानलेवा हमले किए गए उनसे साफ हो जाता है कि ये किसी जन भावना या कानून का सम्मान नहीं करते. सेकुलर बिरादरी से इनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि इन्होंने पिछले दिनों सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी तक की हत्या कर दी. गौ हत्या और गौ द्रोही अपराध संबंधी काम तभी रुक सकते हैं जब कानून का सख्ती से पालन कराया जाए और गौ हत्यारों और गौ तस्करों पर लगाम लगाई जाए. इससे एक बार फिर स्पष्ट हो जाता है कि गौ रक्षक हत्यारे नहीं, पीड़ित हैं.
डॉ सुरेंद्र जैन ने अलवर में एक गौ तस्कर उमर की मृत्यु पर सेकुलर बिरादरी द्वारा मचाए गए शोर पर भी आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि ये दोहरा रवैया क्यों अपनाते हैं? उमर के विरुद्ध गौ तस्करी तथा गौ हत्याओं के पांच-छह मामलों में पहले से ही मुकदमें दर्ज थे और एक मामले में वह भगोड़ा भी सिद्ध हो चुका था. दुर्घटना वाले दिन भी उसके द्वारा गौ तस्करी की जाएगी यह सूचना पुलिस वालों को भी दी जा चुकी थी. जब उमर गाय लेकर आया तो उसे चेतावनी भी दी गई परंतु, उसके गिरोह ने और उसने गोलीवारी शुरू कर दी और इस संघर्ष में उसकी मौत हो गई. अगर गौरक्षक मारे जाते, तो इस बिरादरी के लिए यह कोई विषय नहीं था.
नन्हे मियां के मामले में तो वे चुप्पी साधे हुए हैं तथा उसके परिवार को कोई मुआवजे की बात नहीं करता परंतु, उमर के घरवालों को नौकरी और मुआवजा की मांग करना इस बिरादरी ने शुरू कर दिया है. यह मांग बहुत बेशर्मी भरी है. विश्व हिंदू परिषद निष्पक्ष पत्रकारों से अपील करती है कि वह सेकुलर माफिया, गौ हत्यारे और गौ तस्करों के इस अपवित्र गठबंधन का खुलासा करें. विश्व हिंदू परिषद का यह आरोप भी है कि इन सब लोगों को आतंकियों से अकूत धन राशि मिलती है तभी तो ये बड़े बड़े वकीलों को अदालत में तुरंत खड़ा कर देते हैं और प्रदर्शनों का आयोजन कर देते हैं.

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