नई दिल्ली। ‘लेक्चर बाय लीजेंड’ का दूसरा लेक्चर जेपी अस्पताल, नोएडा में हड्डी रोग और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. संजय गुप्ता के इस कथन के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ: ‘‘आज टीकाकरण हमारा सबसे बड़ा रक्षक है और जन-जन टीकाकरण अभियान (एमवीडी) समय की मांग है। आज के हालात में इस उद्योग के विशेषज्ञों, खास कर चिकित्सकों की मांग बढ़ा दी है। वे आगे बढ़ कर इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के सही रास्ते बता सकते हैं और लोगों को जागरूक कर सकते हैं। इसलिए विद्यामंदिर क्लासेस लिमिटेड ने चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों के व्याख्यानों की शृंखला शुरू की। इसका दूसरा सत्र 16 मई, 2021 को आयोजित किया गया था। विमर्श का केंद्र चिकित्सक बनने के उम्मीदवारों और अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं को इस जानलेवा वायरस पर जीत प्राप्त करने का मार्गदर्शन करने पर था।
वैज्ञानिकों का यह अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में हमारे देश में इस अत्यधिक संक्रामक वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। इसलिए चिकित्सा जगत ने पहले से जमीनी तैयारी करने के लिए कमर कस रखी है। लोगों को बचने के उपाय बताने से लेकर बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत अस्पतालों में सामान्य बेड और आईसीयू बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक चिकित्सा उपकरण, दवाएं और चिकित्सक सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही है।
डॉ. गुप्ता ने विद्यार्थियों को खुद और अपने लक्ष्यों के प्रति ईमानदार रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘‘अपने गुरुओं का महत्व समझें जिनका आपकी सफलता में 20 प्रतिशत योगदान होता है। बाकी 80 प्रतिशत आपकी मेहनत, अनुशासन, समर्पण, फोकस और प्रतिबद्धता पर निर्भर करता है। कक्षा 11 नीट पर ध्यान केंद्रित करने का सही समय है। आयोजन के संचालक विद्यामंदिर क्लासेस के राष्ट्रीय निदेशक (शिक्षा) श्री सौरभ कुमार ने दो विषयों पर अपना विमर्श केंद्रित किया – ‘कोविड 19 से उत्पन्न परिस्थिति को समझना’ और ‘चिकित्सा के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाओं पर चर्चा’।
विद्यामंदिर क्लासेस के संस्थापक श्री बृज मोहन ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर कितना अधिक भार है। तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन आदि बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं कम पड़ गई हैं। ‘लेक्चर बाय लीजेंड’ शृंखला का उद्देश्य उन तकनीकों को सब के सामने लाना है। इस शृंखला में हम चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों से संवाद करते हैं ।’’