नई दिल्ली। लगता है भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विज्ञान को नकारने की ठान ली है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के महाभारत के समय इंटरनेट होने के दावे के बाद अब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पौराणिक पात्र नारद मुनि को लेकर नया दावा कर दिया है. उनका कहना है कि नारद मुनि के पास के इतनी जानकारी थी जितनी आज एक इंटरनेट सर्च इंजन (गूगल) के पास है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विजय रूपाणी ने यह दावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ही एक शाखा विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में किया. उनका कहना था, ‘यह कहना आज भी उचित है कि नारद बहुत बड़े जानकार थे और उनके पास दुनियाभर की जानकारी थी. वे उन पर काम करते थे. मानवता की भलाई के लिए जानकारी इकट्ठा करना ही उनका धर्म था और (आज) इसकी बहुत जरूरत है.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गूगल नारद की तरह जानकारी का स्रोत है क्योंकि उसे सब पता है कि दुनिया में क्या हो रहा है.’
जानकारी के मामले में नारद और गूगल को बराबर बताने से पहले विजय रुपाणी भगवान राम को इंजीनियर बता चुके हैं. उन्होंने राम के तीरों की तुलना इसरो की मिसाइलों से की थी. अगस्त 2017 में इंजीनियरिंग छात्रों को संबोधित करते हुए रुपाणी ने कहा था, ‘राम का हर तीर एक मिसाइल था. इसरो जो काम आज कर रहा है, भगवान राम ने उन लोगों को आजाद कराने के लिए इस्तेमाल किया था.’