कैसी होती है कसावु ? प्रियंका गांधी ने लोकसभा कसावु साड़ी पहनी

नई दिल्ली। कसावु साड़ी सामान्यतः सफेद या क्रीम रंग की होती है। इसकी खास पहचान है बॉर्डर पर सुनहरी ज़री का काम, जिसे “कसावु” कहा जाता है। कसावु साड़ी मलयाली महिलाओं की पारंपरिक पोशाक है और केरल के सांस्कृतिक उत्सव ओणम और शादी जैसे विशेष अवसरों पर पहनी जाती है। इसे शालीनता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस साड़ी को हाथ से बुना जाता है और इसे बनाने में पारंपरिक करघे का उपयोग होता है। कसावु बॉर्डर पर ज़री के रूप में सोने या चांदी के धागे का उपयोग किया जाता है। कसावु साड़ी न केवल केरल में बल्कि देश-विदेश में भी प्रसिद्ध है। इसे केरल की सांस्कृतिक पहचान के रूप में देखा जाता है। आजकल कसावु साड़ी में विभिन्न डिज़ाइन और मॉडर्न टच जोड़े जा रहे हैं। इसे देशभर में फैशन के एक स्टाइलिश विकल्प के रूप में भी अपनाया गया है।प्रियंका गांधी द्वारा लोकसभा में कसावु साड़ी पहनना इस परिधान की गरिमा और लोकप्रियता को दर्शाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.