कमलेश भारतीय
राज्यसभा में पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लगभग सवा घंटे का लम्बा भाषण दिया और यह भी कहा कि विपक्ष को छह साल तक सुनना ही पडेगा । शाह ने दावा किया कि जातिवाद, वंशवाद और तुष्टिकरण के नासूर जड से उखाड़ फेंके । कांग्रेस ने गड्ढा दिया था , जिसे भरने में इतना समय लगा । भाजपा सरकार की जी भर कर उपलब्धियां गिनाईं । जीएसटी को कांग्रेस का बच्चा बताया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े बेचने को रोजगार बताने का उपहास उड़ाने वालों को भी आडे हाथों लिया । पकौड़े बेचना शर्म की बात न होकर भिखारी बनाने को शर्मनाक बताया ।
इसके जवाब में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि आठ माह की बच्ची के साथ बलात्कार होता है तो ऐसा भारत हमें नहीं चाहिए । हमें तो पुराना भारत ही लौटा दो । यह भी कहा कि भाजपा सिर्फ नेमचेंजर है । कांग्रेस की नीतियों , योजनाओं के नाम बदल कर शासन किया जा रहा है । यह गेमचेंजर नहीं है । सिर्फ नेमचेंजर है और हमें रिपैकेजिंग नहीं आती ।
इसी समय हरियाणा के कैप्टन कपिल कुंडू का अंतिम संस्कार भी किया जा रहा था , जिसने यह कविता में कहा :
अपने लहू से सींचा है उन परवानों ने
यूं ही नहीं ये वादियां जन्नत कहलाती हैं
इसी बात को गुलाम नबी आजाद ने भी राज्यसभा में उठाया कि कश्मीर मुद्दे पर पूरा देश और सभी दल आपके साथ हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीमाओं पर जो हालात हैं , उससे लगता हैंंंं कि यह पिछले 70 साल की सबसे कमजोर सरकार है ।
वंशवाद पर जवाब देते कहा कि जिस एक परिवार की बात की जा रही है , उस परिवार का कोई सदस्य प्रधानमंत्री तो क्या मंत्री भी नहीं रहा ।
कैप्टन कपिल कुंडू की मां देश की सरकार से बदला लेने की मांग कर रही है । हर शहीद की मां ऐसी ही मांग करती है लेकिन स्थिति बिगड़ती जा रही है और पत्थरबाजी करने वाले रिहा किए जा रहे हैं । क्यों ? यह कैसा इंसाफ ? यह कैसा भारत ? हमें कैसा भारत बनाना हैं ? कैसा भारत चाहिए ? लम्बी बहस हैं ।