केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विजेताओं को दिए पुरस्कार 

कौशल विकास मंत्रालय ने वल्र्डस्किल्स 2017 के भारतीय विजेताओं को किया सम्मानित। दिल्ली एनसीआर से पेटीसरी एण्ड कन्फेक्शनरी में रजत पदक जीतने वाले मोहित डुडेजा को आठ लाख रु के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बैंगलोर से प्रोटोटाईप माॅडलिंग में कांस्य पदक जीतने वाली किरण सुधाकर को 5 लाख रु के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 9 कारोबार श्रेणियों में उत्कृष्टता पदक जीतने वाले 11 प्रतियोगियों को 2-2 लाख रु के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली। युवाओं को वल्र्डस्किल्स जैसी विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने तथा कौशल प्रशिक्षण हेतू प्रोत्साहित करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान वल्र्डस्किल्स 2017 के विजेताओं को सम्मानित किया। इस मौके पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धमेन्द्र प्रधान भी मौजूद थे।   एमएसडीई ने इस साल अक्टूबर में आबू धाबी में आयोजित वल्र्ड स्किल्स इंटरनेशनल प्रतियोगिता में जीतने वाले प्रतियोगियों और उनके विशेषज्ञों को कुल 50 लाख रु की राशि से सम्मानित किया। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के मार्गदर्शन में  राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के नेतृत्व में 26 श्रेणियों में 28 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। देश के विभिन्न हिस्सों से आए इन प्रतिभाशाली उम्मीदवारों ने अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया। प्रतियोगिता में 59 वल्र्डस्किल सदस्य राष्ट्रों से 1300 युवा प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया तथा 51 कौशल प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों को उनकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए श्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि इन युवाओं का जोश, उत्साह और समर्पण देखकर बहुत अच्छा लगता है जिन्होंने देश का नाम रौशन किया है। इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल युवाओं को विश्वस्तरीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका देती हैं, बल्कि देश के कौशल स्तर में भी सुधार लाती हैं। हमारा मानना है कि कौशल भारत के ये दूत कई अन्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करेंगे जो समाज में कामयाबी और सम्मान हासिल करने के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इन कुशल युवाओं को सम्मानित करना समय की मांग है। इनकी प्रतिभा किसी एक दायरे तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। कड़ी मेहनत, ईमानदारी और सादगी इस तरह की कामयाबी हासिल करने के लिए बेहद ज़रूरी है। हमें विश्वास है कि आने वाले सालों में बड़ी संख्या में भारतीय युवा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित होंगे। यह देखकर अच्छा लगता है कि गैर-परम्परागत कौशल जैसे पेटीसरी एण्ड कन्फेक्शनरी, ब्रिक लेइंग, मैकेट्रोनिक्स, ज्वैलरी डिज़ाइनिंग आज मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।भारतीय टीम को बधाई देते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री अनंतकुमार हेगड़े ने कहा, ‘‘इन युवकों और युवतियों ने विश्वस्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए सालों तक मेहनत की है। देश के दूर-दराज के इलाकों से आए इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा के साथ देश को गौरवान्वित कर दिया है। हमें उम्मीद है कि ये प्रतिभाशाली युवा कई अन्य युवाओं के लिए रोल माॅडल की भूमिका निभाएंगे और उन्हें कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करेंगे।’’भारतीय टीम ने पेटीसरी एण्ड कन्फेक्शनरी में एक रजत (मोहित जुडेजा), प्रोटोटाईप माॅडलिंग में एक कांस्य (किरण सुधाकर) तथा नौ उत्कृष्टता पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। अपने शानदार परफोर्मेन्स के साथ भारत आबू धाबी में आयोजित वल्र्डस्किल्स प्रतियोगिता में टाॅप 20 देशों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा।  दिल्ली एनसीआर से मोहित डुडेजा को पेटीसरी एण्ड कन्फेक्शनरी में रजत पदक जीतने के लिए आठ लाख रु के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने प्रतियोगिता में ‘बेस्ट आॅफ नेशन’ का खिताब भी तीता है। उन्होंने चीन, स्विट्ज़रलैण्ड, कनाडा, कोरिया और यूके से ज़्यादा स्कोर बनाया। वहीं बैंगलोर से किरण सुधाकर को प्रोटोटाईप माॅडलिंग में कांस्य पदक जीतने के लिए छह लाख रु के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  मैकेट्रोनिक्स, ब्रिक लेइंग, रेस्टोरेंट सर्विस, आॅटोमोबाइल टेकनोलाॅजी, ज्वैलरी, ग्राफिक डिज़ाइन टेकनोलाॅजी, मोबाइल रोबोटिक्स, ब्यूटी थेरेपी और कार पेंटिंग में नौ उत्कृष्टता पदक जीतने वाले 11 अन्य प्रतियोगियों को दो-दो लाख रु का पुरस्कार दिया गया।  इन उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने वाले विशेषज्ञों को भी 3 लाख रु (रजत के लिए), 2 लाख रु (कांस्य के लिए) और 1 लाख रु (उत्कृष्टता पदक के लिए) का नकद पुरस्कार मिला।  इस मौके पर वल्र्ड स्किल्स इण्डिया गाईडलाईन्स एण्ड हैण्डबुक का भी विमोचन किया गया। पुस्तक देश में कौशल प्रतियोगिताओं के संचालन एवं प्रशासन की रूपरेखा पर रोशनी डालती है।

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