किसान कर्जमाफी का कानून बने : योगेंद्र यादव

भोपाल। सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव वर्तमान दौर में किसानों को सबसे बुरे हाल में पाते हैं। उनका मानना है कि आपदा आए, सूखा पड़े या अच्छी पैदावार हो, हर मौके पर आघात किसानों पर ही होता है। इसलिए जरूरी है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिया जाए और कर्जमाफी हो। इसके लिए कानून बनाया जाए। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ‘किसान मुक्ति सम्मेलन’ में हिस्सा लेने आए यादव ने आईएएनएस से किसानों के हालात पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर आज समाज का कोई वर्ग सबसे ज्यादा संकट में है तो वह किसान है, हर दो साल में सूखा पड़ रहा है तो तीसरे साल फसल की बंपर पैदावार होती है। ये दोनों ही स्थितियां किसानों के लिए दुखदायी हैं। उन्होंने कहा कि सूखा पड़ने पर तो किसान भारी घाटे में जाता है और उसने जो कर्ज लिया होता है, उसे चुका नहीं पाता, वहीं तीसरे साल में हुई अच्छी पैदावार के चलते फसलों के दाम गिर जाते हैं। इससे उन्हें उचित दाम भी नहीं मिल पाते। नतीजतन, उपज को सड़कों पर फेंकने की नौबत आ जाती है, क्योंकि बाजार तक ले जाने में होने वाले व्यय से उपज के दाम कम मिलते हैं। इस तरह दोनों स्थितियां किसानों के हक में नहीं हैं। यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि किसानों को उसकी फसल का हर हाल में उचित दाम मिले। इसके लिए उन्होंने एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे कानून का रूप दिया जाना चाहिए, साथ ही किसानों की कर्जमाफी का भी कानून बने। ऐसा होने पर ही किसान संकट से उबर पाएगा। उन्होंने आगे बताया कि देशभर के 188 संगठन मिलकर किसानों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके तहत विभिन्न स्थानों पर किसान मुक्ति सम्मेलनों का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को भोपाल में यह सम्मेलन हुआ। इनके जरिए किसानों के हित की बात गांव-गांव तक पहुंचाई जाती है। एक सवाल के जवाब में योगेंद्र यादव ने माना कि जब चुनाव आते हैं, तो राजनीतिक दल किसानों से तरह-तरह के वादे करते हैं, चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते हैं। फिर किसी को किसानों का दर्द याद नहीं आता। किसान अपना हक मांगता है तो उसे पुलिस की गोली मिलती है। किसान जागे, इसकी मुहिम चल रही है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को फसल का उचित दाम देने के लिए भावांतर भुगतान योजना को अमलीजामा पहनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव करीब है और सरकार जान चुकी है कि किसान कितना त्रस्त है, लिहाजा उसे खुश करने के लिए यह योजना लाई गई है, फिर भी किसानों को लाभ नहीं हो रहा है।

 

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