भाजपा आज कैराना हारी है, 2019 में हिंदुस्तान हारेगी: कांग्रेस
कैराना-नूरपुर में बीजेपी की करारी हार से यूपी की राजनीति में आया भूचाल
पालघर में जीती बीजेपी, भंडारा-गोदिया में एनसीपी ने मारी बाजी
जब तक शिवसेना बीजेपी का समर्थन करती रहेगी उनकी बात का कोई मोल नहीं: एनसीपी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले की कैराना समेत देशभर की चार लोकसभा सीटों और बिजनौर की नूरपुर समेत दस विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना लगभग अब पूरी हो चुकी है। कैराना सीट पर राष्ट्रीय लोकदल उम्मीदवार तबस्सुम हुसैन ने भाजपा को शिकस्त देते हुए शानदार जीत दर्ज की है। वहीं, नूरपुर सीट सपा के खाते में गई है। कर्नाटक के आरआरनगर से कांग्रेस जीत चुकी है। महाराष्ट्र की पालघर सीट भी भाजपा ने जीत ली है। वहीं भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर एनसीपी ने बाजी मारी है। जबकि, बिहार की जोकीहाट सीट आरेजडी ने जीती है। पंजाब की शाहकोट कांग्रेस के खाते में गई है। जबकि पश्चिम बंगाल की महेश्तला से टीएमसी ने अपने विरोधियों को शिकस्त दी है। झारखंड की गोमिया और सिल्ली विधानसभा सीट से जेएमएम को जीत मिली है। उत्तराखंड की थराली विधानसभा सीट पर बीजेपी जीत चुकी है जबकि केरल की चेंगन्नूर सीट पर सीपीएम के खाते में गई। कांग्रेस के विश्वजीत कदम ने महाराष्ट्र की पलुस कादेगांव से निर्विरोध चुने गए। जबकि, मेघालय की अंपति सीट कांग्रेस जीत गई।
कैराना में हुए लोकसभा उपचुनाव में एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी ने सीधे राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन किया तो वहीं बहुजन समाज पार्टी परोक्ष तौर पर आरएलडी उम्मीदवार का समर्थन किया। मायावती-अखिलेश के आपसी समझौते के चलते उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने में मदद मिली है। इन जीतों से दोनों के बीच आपसी गठंधन के लिए उनकी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी और 2019 के चुनाव में दोनों नेता बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं।
झारखंड की गोमिया तथा सिल्ली विधानसभा सीटों से उपचुनाव का परिणाम राज्य में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पक्ष में आया है। पहले भी दोनो सीटें झामुमो के पास थीं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांगते ने बताया कि अभी मतों का पूर्ण विवरण आने में समय लगेगा लेकिन दोनों सीटों पर मतगणना का काम पूरा हो गयाहै और झामुमो प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
गोमिया में झामुमो की बबिता देवी ने आजसू के लंबोदर महतो को पराजित किया और भाजपा के माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर पिछड़ गये। सिल्ली में झामुमो की उम्मीदवार सीमा महतो ने आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो को पराजित कर यह सीट झामुमो के पास बरकरार रखी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो विधायकों को अलग अलग आपराधिक मामलों में दोषी करार दिये जाने और दो वर्ष की जेल की सजा सुनाये जाने के कारण यह दोनो सीटें रिक्त हो गयी थीं।
सच तो यह है कि उपचुनाव 2018 में भाजपा को मुँह खानी पड़ी है और ज्यादातर स्थानों पर संयुक्त गठबंधन के उम्मीदवार जीतें हैं। सबसे पहले लोकसभा की 4 सीटों की बात करें.इसमें महाराष्ट्र की पालघर सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने शिव सेना प्रत्याशी को हारा दिया है । उप चुनाव में भाजपा ने महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली है। वहीं भाजपा ने उत्तराखण्ड विधानसभा सीट पर भी जीत का परचम फहराया है। पालघर में भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र गावित ने जीत दर्ज की। गावित कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। भाजपा सांसद चिंतामन वनागा के जनवरी में निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। यहां शिवसेना ने वनागा के बेटे श्रीनिवास वनागा को मैदान में उतारा था।
वहीं कैराना से आरएलडी उम्मीदवार, उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने भाजपा की मृगांका सिंह को हारा दिया है। तबस्सुम ने कहा कि यह सत्य की जीत है। हम भविष्य में ईवीएम से चुनाव नहीं चाहते है। 2019 के लिए संयुक्त विपक्ष का रास्ता साफ हो गया है। आरएलडी का कैराना लोकसभा सीट पर बेहतर प्रदर्शन करने पर भाजपा प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि ये उधार का सिंदूर है। अजित सिंह के पास उम्मीदवार भी नहीं था और दूसरे लोगों ने उन्हें उधार का उम्मीदवार दिया जो आगे चल रहा है।
मेघालय की अंपाती सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मुकुल संगमा की बेटी मियानी डी शिरा ने 3191 वोटों से जीत दर्ज की। पश्चिम बंगाल के महेशताला विधानसभा सीट से तृणमूल के दुलाल दास ने दर्ज की जीत। झारखंड की सिल्ली सीट पर जेएमएम उम्मीदवार सीमा महतो ने जीत दर्ज कर ली है। झारखंड की गोमिया विधानसभा सीट से जेएमएम उम्मीदवार बबिता देवी 2000 वोटों से जीत गई हैं। कर्नाटक की राजराजेश्वरी नगर सीट पर मुनिरत्न 41162 वोट से जीत गए हैं। भाजपा ने उत्तराखण्ड के चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर ली. यहां से बीजेपी प्रत्याशी मुन्नी देवी शाह ने 1,900 वोटों से ज्यादा के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के डॉक्टर जीतराम शाह को हराया। पालघर लोकसभा उपचुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं आने पर शिवसेना ने ईवीएम और चुनाव आयोग पर हार का ठीकरा फोड़ा है। यहां शिवसेना उम्मीदवार को भाजपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा है। उधर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि कई ईवीएम में कमियां थीं। मतदाता सूची से कई लोगों के नाम गायब थे। साथ ही मतदान समाप्त होने के 12 घंटे के अंदर चुनाव आयोग ने वोट प्रतिशत बदल दिया। तो यह सब बहुत संदिग्ध है।