आर्थिक संकट के कारण नई दिल्ली का सार्वजनिक परिवहन बंद होने के कगार पर

नई दिल्ली। बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) और दिल्ली कॉन्‍ट्रैक्‍ट बस असोसिएशन (डीसीबीए) ने दिल्‍ली में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र को पूरी तरह तबाह होने से बचाने के लिये सरकार की मध्यस्थता की मांग की है। कोरोना के प्रकोप ने उत्तर भारत, और खासतौर से दिल्ली/एनसीआर में यात्री परिवहन सेगमेंट को बुरी तरह प्रभावित किया है। सार्वजनिक परिवहन सेक्टर ने सरकार से अगली तीन तिमाहियों के लिये सड़क और यात्री करों को छोड़ने पर विचार करने, अगले 6 से 12 महीनों के लिये कर के भुगतान, वाहन बीमा वैधता के विस्तार, ईएमआई के भुगतान को टालने और इस अवधि के लिये इंटरेस्ट कम्पोनेन्ट को छोड़ने, टोल टैक्स/फास्ट टैग्स पर तुरंत 10 से 25 प्रतिशत छूट देने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही सरकार से दस्तावेजों, जैसे फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, डिफॉल्टर कंपनियों और स्कूलों के सम्‍मुख सुरक्षा, पंजीकरण या अन्य सम्बंधित कारण, जो विस्तारित या विचार योग्य हो, उसका नवीनीकरण मार्च 2021 तक करने और एक तय अवधि के लिये डीजल पर सब्सिडी तथा स्पेयर पार्ट्स पर कर कम करने का आग्रह भी किया गया है, ताकि वाहनों को चलाने का खर्च कम हो सके। उल्‍लेखनीय है कि बीओसीआई और डीसीबीए दिल्ली/एनसीआर में यात्री परिवहन की अग्रणी संस्थाएं हैं, जो कॉन्‍ट्रैक्‍ट कैरिज और ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों के हितों और कल्याण का ध्यान रखती हैं।

बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) निजी यात्री परिवहन ऑपरेटर्स का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी भारत की सड़कों पर 17 लाख से ज्यादा बसें चल रही हैं। इनमें से लगभग 1.50 लाख बसें विभिन्न एसटीयू द्वारा ऑपरेट की जाती हैं। शेष 15.5 लाख बसें लगभग 30 करोड़ पैसेंजर ट्रिप्स करती हैं, जिन्हें निजी ऑपरेटर्स चलाते हैं, जो बस एंड कार ऑपरेटर्स कंफेडरेशन ऑफ इंडिया (बीओसीआई) से मान्यता प्राप्त विभिन्न असोसिएशंस और फेडरेशंस के सदस्य हैं। जैसा कि हम जानते हैं, यात्री परिवहन न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में कोविड19 लॉकडाउन के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित सेक्टर्स में से एक है। इस व्यवसाय को पिछले दो माह में 65000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है और आने वाले महीने में परिचालन जारी रखने के लिये इसके पास पैसे नहीं हैं और यह तबाह होने के कगार पर है। इस सेक्टर ने परिवहन विभाग के अधिकारियों, राज्य के मंत्रालयों और नई दिल्ली के माननीय उपमुख्यमंत्री के पास कई बार अपने प्रतिनिधि भेजे हैं, ताकि इस सेक्टर के सामने खड़ी कई समस्याओं पर उनका ध्यान दिलाया जा सके।

दिल्ली कॉन्‍ट्रैक्‍ट बस असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी और वाइस प्रेसिडेंट नॉर्थ, बीओसीआई, नई दिल्ली श्री हरीश शभावल/सब्‍बरवाल (Shabhawal) ने कहा, ‘‘सरकार ने विभिन्न योजनाओं को कार्यों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को सहयोग देने के लिये कदम उठाये हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सेक्टर को पर ध्‍यान नहीं दिया है। रोड सेक्टर की रिसर्च यूनिट्स इस सेक्टर की खराब होती स्थिति पर लगातार नजर रख रही है।

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