गुत्थी से सुलझ जाएंगी सारी गुत्थियां ? 

 
लीजिए,  परवाणू टिमबर ट्रेल पर हरियाणा सरकार का चिंतन शिविर शुरू हो गया । ठंड में गर्मी का अहसास ।
आईएएस अधिकारियों ने करवाया जब कमरा शेयर करने से इंकार कर दिया । आईएएस को बडे कमरे अलाट हो गये । अनिल विज को वोल्वो की सवारी पसंद नहीं आई । वे अपनी गाडी में ही पहुंच गए । कैप्टन अभिमन्यु का न आना बडा तर्कपूर्ण है । उनके पिता की पुण्यतिथि होने के कारण । वे भजन कीर्तन में लगे रहे । यह बिल्कुल सही था । शुरुआत में सुमित्रा मिश्रा और विजय बर्धन ने माइक थामा । सुमिता मिश्रा कवयित्री हैं । दो काव्य संग्रह आ चुके हैं । विजय ने भी कुरूक्षेत्र पुस्तक अंग्रेजी में लिखी । मेरी खुशकिस्मती देखिए कि अपने उपाध्यक्ष के दिनों में इनके विमोचन पर जाने का सुअवसर मिला था। खैर , यह समय अपनी बात का नहीं । सरकार पर चिंतन करने का हैंं । यदि आईएएस अधिकारियों की कला ही परखने की बात थी तो फिर टिम्बर ट्रेल पर इतना महंगा क्यों कर रहे हो ?  चंडीगढ ही कर लेते । किरण चौधरी असल में यही कह रही हैं । मैं नहीं कह रहा । उनका कहना है कि नाराज आईएएस को खुश करने की सरकार की कोशिश है । हम सरकार में आएंगे तो बताएंगे कि आईएएस से काम कैसे लिया जाता है । लो जी , चिंतन टिम्बर ट्रेल पर ही नहीं , बाहर भी हो रहा है । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस चिंतन पर सवाल उठा रहे हैं और विपक्ष के नेता अभय चौटाला भी । चिंतन चालू आहे । पहाड़ के ऊपर भी और नीचे भी । क्या चिंतन है ।
अभी सुनील ग्रोवर के आने की खबर है , जिसे सब गुत्थी कैरेक्टर के नाम से जानते हैं । भजन के लिए भी किसी का नाम आ रहा हैं । गुत्थी क्या हरियाणा सरकार की सारी गुत्थियां सुलझा देंगे या बढा देंगे ?
सरकार के बारे में किसी मुए ने यह अफवाह भी उडा दी है कि टिम्बर ट्रेल वाला खट्टर काका का जानकार है और उसे फायदा पहुंचाने के लिए यह मंथन वहां रखा गया । ये मुए लोग कैसी कैसी अफवाहें उडा देते हैं ?  कुछ तो शर्म करो । सरकार चिंतन करने गयी है और आप हो कि सरकार की फजीहत करने में लगे हो । फिर भला सरकार आपके बारे में खाक सोचेगी ?
कमलेश भारतीय

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