नई दिल्ली । एम्स के आरपी सेंटर में आंखों के इलाज के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं शुरू की गई हैं। इस क्रम में 3डी तकनीक से आंखों के रेटिना से संबंधित बीमारियों की सर्जरी शुरू की गई है। आरपी सेंटर के 51वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान सेंटर के प्रमुख डॉ. अतुल कुमार ने कहा कि आंखों की सर्जरी में इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला एम्स एशिया प्रशांत क्षेत्र का पहला संस्थान है।
3डी तकनीक के शुरू होने से मरीजों को आंखों के इलाज से संबंधित अत्याधुनिक सुविधाएं निशुल्क मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीक में 3डी चश्मे का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से रेटिना का प्रभावित हिस्सा मॉनिटर पर स्पष्ट दिखता है। चार महीने पहले अमेरिका से यह मशीन लाकर एम्स में लगाई गई है। इस तकनीक से अब तक करीब 200 मरीजों के रेटिना की सर्जरी हो चुकी है। इस तकनीक से सर्जरी के परिणाम काफी सफल हैं। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का फायदा यह ह कि सर्जरी करने वाले डॉक्टरों के अलावा रेजिडेंट डॉक्टर भी मॉनिटर पर पूरी प्रक्रिया स्पष्ट देख पाते हैं। आरपी सेंटर की जिम्मेदारी आंखों के इलाज के अलावा डॉक्टर तैयार करना भी है।
दिल्ली-एनसीआर में आंखों की स्क्रीनिंग के लिए एम्स के डॉक्टर घर के नजदीक उपलब्ध होंगे। इसके लिए एम्स ने एनसीआर में 25 विजन सेंटर शुरू किया है। इसमें से 22 दिल्ली में मौजूद हैं। राजधानी में यह पहल दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के साथ मिलकर शुरू की गई है।
दिल्ली सरकार के डिस्पेंसरी में सप्ताह में एक दिन एम्स आरपी सेंटर के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर जाते हैं और लोगों के आंखों की स्क्रीनिंग करते हैं। इस दौरान जिन लोगों की आंखों में मोतियाबिंद या कोई अन्य गंभीर बीमारियां पाई जाती हैं, उन्हें एम्स बुलाकर सर्जरी की जाती है। इसके लिए आरपी सेंटर में 30 बेड आरक्षित किए गए हैं और हर साल तीन हजार मरीजों की सर्जरी करने का लक्ष्य है। तीन सेंटर गुरुग्राम, मेवात व फरीदाबाद में हैं।