मुन्नार में 8 लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद

नई दिल्ली। केरल के मुन्नार में जल्द ही नीलकुरिन्जी सीजन आने वाला है और केरल टूरिज्म को जुलाई से अक्टूबर 2018 के दौरान 800,000 पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इन महीनों के दौरान इडुक्की जिले के मुन्नार में 12 वर्ष बाद नीलकुरिन्जी के फूल खिलेंगे। स्थानीय भाषा में नीला का तात्पर्य रंग से है और कुरिन्जी फूल का स्थानीय नाम है। नीलकुरिन्जी (स्ट्रोबिलांथेस कुंथियाना) प्राय: पश्चिमी तटों पर पाया जाता है और 12 वर्ष में एक बार खिलता है। यह एक दशक लंबा चक्र इसे दुर्लभ बनाता है। पिछली बार यह फूल वर्ष 2006 में खिले थे। भारत में इस फूल की 46 किस्में पाई जाती हैं और मुन्नार में यह सबसे अधिक संख्या में उपलब्ध हैं। जुलाई की शुरूआत में नीलकुरिन्जी के खिलने के बाद अगले तीन माह तक पहाड़ियाँ नीली दिखेंगी।
नीलकुरिन्जी खिलने की ऋतु के विषय में केरल सरकार के पर्यटन विभाग के निदेशक, आईएएस  पी. बाला किरण ने कहा कि मुन्नार जाने के लिए नीलकुरिन्जी के खिलने से बेहतर कोई समय नहीं है। वर्ष 2017 में 628,427 पर्यटक मुन्नार आये थे, जो कि वर्ष 2016 के 467,881 पर्यटकों की तुलना में 34.31 प्रतिशत अधिक थे। पर्यटन विभाग को इस वर्ष मुन्नार में पर्यटकों की संख्या में 79 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। इस पौधे का अनूठा जीवनचक्र पहाड़ों को यात्रा प्रेमियों का चहेता गंतव्य बनाता है।
इन पहाड़ियों पर भव्य और दुर्लभ नीलगिरी थार भी पाया जाता है। नीलकुरिन्जी के खिलने के समय टूर प्लानर और एडवेंचर क्लब इन पहाड़ियों पर ट्रैकिंग का आयोजन करेंगे। आस-पास के आकर्षणों में दक्षिण एशिया का सबसे लंबा अनामुदी पीक शामिल है, जहाँ ट्रैकिंग की व्यवस्था देश में सर्वश्रेष्ठ है। एराविकुलम नेशनल पार्क में नीलगिरी थार को संरक्षण प्रदान किया गया है। एराविकुलम नेशनल पार्क नीलकुरिन्जी का प्रमुख क्षेत्र है, जहाँ प्रतिदिन अधिकतम 2750 पर्यटकों को आने की अनुमति है। फूल खिलने के समय अथॉरिटी 40 प्रतिशत अतिरिक्त आगंतुकों के लिये अनुमति देगी। केरल टूरिज्म मुन्नार में पर्यटन की इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिये कार्य कर रहा है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को सुविधा प्रदान की जा सके। वाहनों का प्रबंधन किया जाएगा और पार्किंग के लिये पर्याप्त जगह उपलब्ध करायी जाएगी और कचरे का उचित प्रबंधन भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुन्नार समुद्र के स्तर से 1600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और मुद्रापुझा, नल्लाथन्नी और कुंडला से घिरा है। यह भारत के छुट्टी बिताने वाले सर्वश्रेष्ठ यात्रा गंतव्यों में से एक है। केरल टूरिज्म ने भी उस प्रत्येक यात्री के लिये योजना बनाई है, जो इस स्थान की सुंदरता में खो जाना चाहता है। इडुक्की की जिला पर्यटन प्रवर्तन समिति भी पर्यटकों को पहाड़ियां एक्स्प्लोर करने के लिए सहयोग प्रदान करती है।

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