आप विधायकों की संख्या 66 से घटकर हुई 46

नयी दिल्ली । दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को रविवार को उस समय करारा झटका लगा, जब राष्ट्रपति ने लाभ के पद मामले में उसके 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में अब आप के विधायकों की संख्या 66 से घटकर 46 रह गयी है, हालांकि इस निर्णय से पार्टी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ा है। इस निर्णय से दिल्ली में इन सीटों पर उप चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है। विधि एवं न्याय मंत्रालय की रविवार को जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लाभ के पद मामले में फंसे इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। निर्वाचन आयोग पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से इन विधायकों को लाभ के पद पर नियुक्त किये जाने की शिकायत की सुनवाई कर रहा था। आयोग ने इस साल 19 जनवरी को इन्हें विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित करने का निर्णय लिया था और इस आशय की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी थी।
आप सरकार ने 13 मार्च, 2015 को 21 विधायकों को विभिन्न मंत्रालयों में संसदीय सचिव नियुक्त किया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ वकील प्रशांत पटेल ने 19 जून 2015 को राष्ट्रपति के समक्ष याचिका दायर की थी। दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों की नियुक्ति को उचित ठहराने के लिए 24 जून 2015 को दिल्ली असेंबली (रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन) एक्ट-1997 में संशोधन से संबंधित विधेयक विधानसभा में पारित किया था और इस निर्णय को पूर्व प्रभाव से लागू किया गया था। विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करना था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इसे नामंजूर कर दिया था। राष्ट्रपति ने 10 नवंबर, 2015 को लाभ के पद से संबंधित मामले को निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया था। आयोग ने दो वर्ष से भी अधिक समय तक मामले की जांच के बाद गत शुक्रवार को इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने का निर्णय लिया और इस बारे में अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी। आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसके खिलाफ उसी दिन दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि न्यायालय ने सरकार को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। निर्वाचन आयोग द्वारा व्यक्त की गयी राय को ध्यान में रखते हुए और मामले पर विचार करते हुए मैं दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 की धारा 15 की उपधारा 4 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा अभिनिर्धारित करता हूं कि दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्य उक्त विधानसभा के सदस्य होने से अयोग्य हो गये हैं।

 

 

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