पटना : स्थायी नौकरी और वेतन विसंगति को दूर करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन कर रही एएनएम को राज्य सरकार की ओर से कड़ी चेतावनी दी गयी है. जानकारी के मुताबिक इन नर्सों को राज्य स्वास्थ्य समिति ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगल कल यानी शनिवार तक वह अपने ड्यूटी पर नहीं लौटती हैं, तो उन्हें संविदा की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में चयन मुक्त करने की कार्रवाई की जायेगी. विभाग के मुताबिक जो एएनएम 23 दिसंबर तक काम पर लौट आयेंगी, उनके कार्य बहिष्कार अवधि को देय उपार्जित अवकाश में समायोजित किया जा सकता है.
विभाग के मुताबिक राज्य स्वास्थ्य समिति ने गुरुवार को देर शाम यह आदेश जारी कर दिया है और समिति के कार्यपालक पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिले के डीएम व एसपी को इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में यह साफ कहा गया है कि, विरोध पर उतारू जो एनएनएम 23 दिसंबर तक काम पर नहीं लौटती हैं, तो उनके विरुद्ध स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उद्देश्यों को खराब करने की वजह से उन्हें नौकरी से निकालने की कार्रवाई की जायेगी.
इतना ही नहीं राज्य सरकार एएनएम के रवैये को देखते हुए, यह भी कह रहा है कि यह लोग स्थायी नियुक्ति के योग्य नहीं हैं. पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि चयनमुक्ति के बाद रिक्ति का रोस्टर अनुमोदन का प्रस्ताव राज्य स्वास्थ्य समिति को शीघ्र भेजा जाए, ताकि इन पदों पर नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाये. अधिकारियों के मुताबिक 2017-18 के लिए 5 प्रतिशत की वार्षिक मानदेय वृद्धि का आदेश निर्गत किया जा चुका है. तीन साल की सेवा पूर्ण होने पर 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि एवं पांच साल की सेवा पूर्ण होने पर 15 प्रतिशत की मानदेय वृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है.
विभाग के मुताबिक सेवा अवधि के दौरान एएनएम की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रित को चार लाख का अनुग्रह अनुदान देने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग देख रहा है. सेवा अवधि बढ़ाई गयी है. 6800 एएनएम के एक साथ काम बंद कर देने से काफी दिक्कतें हो रही हैं. मरीज परेशान हैं. दो नवंबर से ही आंदोलनरत होने की वजह से काम में दिक्कत हो रही है.
साभार: प्रभात खबर